जयपुर: नीति आयोग की 9 वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक 27 जुलाई को और मुख्य सचिवों की चौथी राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस नवंबर में प्रस्तावित है. दोनों ही बैठकों से राजस्थान के फ्यूचर डेवलपमेंट का रोडमैप विकसिंत होने की उम्मीद है. साथ ही इन दोनों ही बैठकों से मोदी 3.0 में मोदी सरकार के संघीय राष्ट्रवाद के विजन की तस्वीर और साफ हो सकेगी.
मोदी सरकार के गठन के बाद नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक 27 जुलाई को दिल्ली में प्रस्तावित है. इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान के विकास और प्रगति को लेकर अपना विजन बताएंगे.
आइए जानते हैं क्यों अहम है नीति आयोग की बैठक ?
-नीति आयोग के पुनर्गठन और उसमें जे.पी.नड्डा,शिवराज सिंह चौहान सहित कई दिग्गज केन्द्रीय मंत्रियों के शामिल होने के बाद यह पहली बैठक होगी.
-ऐसे में इन केन्द्रीय मंत्रियों के विभागों के राज्यों से जुड़े मुद्दों को लेकर इस बैठक में अहम चर्चा करके निर्णय लिया जा सकता है.
-खास तौर पर शिवराज के केन्द्रीय कृषि मंत्री बनने के आयोग में पदेन सदस्य बनने के चलते कृषि के इंफ्रास्ट्र्क्चर को मजबूत करने,किसानों की आम समस्याओं को दूर करने के लिए नीति बनाने पर फोकस हो सकता है.
-संभावित किसान आंदोलन के चलते केन्द्रीय स्तर पर इसे लेकर रणनीति पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा सकता है.
-इसमें सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी सदस्य हैं. इसके मद्देनजर देश में एक्सप्रेस वे और राष्ट्रीय राजमर्गों और टोल नीति जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होकर भविष्य के विकास का खाका खींचा जा सकता है.
इसके साथ इन मुद्दों पर हो सकता विचार
-विकसित भारत 2047
-इसमें 2047 तक विकसित भारत के रूप में देश की क्या तस्वीर हो इसे लेकर हर राज्य के प्रतिनिधि अपना विजन पेश करेंगे.
-थ्रस्ट ऑफ MSME
-इसमें नए लघु और सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहित करने और निवेश बढ़ाने की राज्य की नीतियों को लेकर विचार-विमर्श होगा.
-खास तौर पर स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने को लेकर राज्यों ने क्या काम किए हैं उसका ब्योरा रखा जा सकता है.
इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश
-इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े साधनों में किस तरह से बढ़ोतरी की गई है और निवेश बढ़ाने के क्या-क्या उपाय किए गए हैं इसे लेकर राज्यों की ओर से प्रजेंटेशन संभव
कार्य पालना का बोझ कम करना
-ई गवर्नेंस के जरिए किस तरह से काम को आसान बनाया जा रहा है. इसे लेकर राज्य रखेंगे अपनी बात.
राजस्थान से जुड़े मुद्दे
-इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी संबोधन दे सकते हैं जिसमें वे प्रदेश के जल,ऊर्जा,परिवहन,यातायात से जुड़े बिंदुओं को लेकर केन्द्र से सहयोग को लेकर फोकस कर सकते हैं.
-इसमें मेट्रो के विस्तार को लेकर राशि और हरियाणा और अन्य राज्यों के साथ अंतरराज्यीय मुद्दों के बारे में हो सकती चर्चा.
-भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में राजस्थान का सदस्य होने को लेकर भी हो सकती चर्चा.
नवंबर में होगी सीएस कॉन्फ्रेंस
इसका प्रारूप सामने नहीं आया है,लेकिन इन मुद्दों पर विचार विमर्श संभव
नई शिक्षा नीति
-नई शिक्षा नीति को लेकर राज्यों ने क्या-क्या काम किया,इसे लेकर प्रजेंटेशन संभव.
-वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों को लेकर राज्यों के प्रयासों के बारे में चर्चा संभव. इसमें खास तौर पर हर घर में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने सहित कई पहलुओं को लेकर विचार संभव.
-वेलनेस सेंटर और जन औषधि केन्द्रों को लेकर डिस्कशन संभव.
-पूर्व में लैंड फॉर लैंड पॉलिसी को लेकर हुआ था प्रजेंटेशन.
-साथ ही डिजिटल एग्रीकल्चर को लेकर भी दिया गया था राजस्थान की ओर से प्रजेंटेशन.
सीएस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान सहित सभी राज्य अपनी राज्यों का मूल्यांकन विश्वविद्यालय से करवाने,प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के आंगनबाड़ियों को गोद लेने,निजी स्कूलों के बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्रों में भेजने,तमाम गांव में इंटरनेट सुविधा के विस्तार,पीएम गति शक्ति विकास और कर्मचारियों के ट्रेनिंग लेने जैसे बिंदुओं पर काम करने को लेकर विचार विमर्श संभव है.