जयपुर : प्रदेश की बिजली कम्पनियों में खाली चल रहे या अतिरिक्त चार्ज के भरोसे चल रहे महत्वपूर्ण बड़े पदों को स्थाई रूप से भरने की तैयारियां फिर से शुरू हो गई है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सलेक्शन कमेटी की सिफारिश पर CMD/MD और निदेशक के 15 से अधिक पदों के लिए प्रस्ताव हाईलेवल पर भेजे गए है. इस कवायद के साथ ही अब प्रमुख पदों पर लगने के लिए सीनियर टेक्नोक्रेट्स में लॉबिंग शुरू हो गई है.
ऊर्जा विभाग के अधीन आधा दर्जन से अधिक बिजली कम्पनियों में बड़े पद पिछले लम्बे समय से चार्ज के भरोसे है. सभी कम्पनियों की बात की जाए तो CMD/MD और निदेशक के करीब 15 से अधिक महत्वपूर्ण पद या तो रिक्त चल रहे है या फिर अतिरिक्त चार्ज के भरोसे काम चलाया जा रहा है. हालांकि, इस दौरान ऊर्जा विभाग की तरफ से पिछले साल अगस्त माह में आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी. लेकिन एक साल के भीतर प्रमुख पदों को भरने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाने का साइड इफेक्ट ये रहा कि कई योग्य टेक्नोक्रेट रिटायर्ड ही हो गए, लेकिन उनका निदेशक बनने का ख्वाब पूरा नहीं हो पाया. हालांकि, अब जैसे ही सलेक्शन कमेटी की तरफ से हाईलेवल पर प्रस्ताव भेजे जाने की खबर आई है, वैसे ही रिटायर्ड और मौजूदा टेक्नोक्रेट्स ने लॉबिग शुरू कर दी है.
पिछले लम्बे समय से खाली या चार्ज के भरोसे चल रहे ये पद
-जयपुर डिस्कॉम : निदेशक तकनीकी, निदेशक फाइनेंस
-अजमेर डिस्कॉम : प्रबन्ध निदेशक, निदेशक तकनीकी, निदेशक फाइनेंस
-जोधपुर डिस्कॉम : निदेशक तकनीकी
-RVUNL : सीएमडी, निदेशक प्रोजेक्ट, निदेशक फाइनेंस
-RVPNL : चेयरमैन, निदेशक तकनीकी, निदेशक ऑपरेशन
-ऊर्जा विकास निगम : निदेशक तकनीकी,
-अक्षय ऊर्जा निगम : प्रबन्ध निदेशक, निदेशक तकनीकी
दो बिजली कम्पनियां ऐसी, जिसमें सभी बड़े पद खाली या चार्ज !
-ऊर्जा विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक कम्पनियों में कुल 15 पद खाली
-लेकिन RVUNL-AVVNL में तो देखी जा रही अजीबो-गरीब स्थिति
-RVUNL में सीएमडी पद का टेक्नोक्रेट देवेन्द्र श्रृंगी को दिया हुआ चार्ज
-जबकि निदेशक तकनीकी पद पर लगे देवेन्द्र श्रृंगी देख रहे सीएमडी का काम
-निदेशक प्रोजेक्ट्स के पद का चीफ इंजीनियर के एल मीणा को दिया हुआ चार्ज
-निदेशक वित्त के पद का मनोज कुमार खण्डेलवाल देख रहे कामकाज
-इसी तरह AVVNL में एमडी पद का टेक्नोक्रेट केपी वर्मा देख रहे कामकाज
-निदेशक तकनीकी का पद भी चार्ज के भरोसे, निदेशक वित्त का पद चल रहा खाली
-कम्पनियों में खाली पदों पर नियुक्ति नहीं होने से कई टेक्नोक्रेट में निराशा का भाव
-क्योंकि योग्यता रखने के बावजूद उन्हें चीफ इंजीनियर के पद से होना पड़ रहा रिटायर्ड