जयपुर: प्रदेश में मौजूदा समय में वाहनों की फिटनेस को लेकर वाहन स्वामियों को खासी परेशानी हो रही है, इतने बड़े प्रदेश में वाहनों की फिटनेस के लिए सिर्फ 2 ऑटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन ATS ही काम कर रहे हैं.
परिवहन विभाग एक साल बाद भी प्रदेश में ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन एटीएस की मंजूरी देने के लिए पॉलिसी तैयार नहीं कर पाया है . एक साल जयपुर में कृषि भूमि पर नए एटीएस को मान्यता देने की शिकायत के बाद नए एटीएस की स्वीकृति पर रोक लगाई थी और विभाग को प्रदेश में नए एटीएस की मान्यता देने के लिए नए सिरे से पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए थे . लेकिन अभी तक विभाग के अधिकारी पॉलिसी तैयार नहीं कर पाए हैं इस कारण 2 दर्जन से अधिक एटीएस के आवेदन विभाग में लंबित चल रहे हैं . | दरअसल प्रदेश में कई लोग ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन को लेकर बड़ा निवेश कर चुके हैं . अधिकतर आवेदकों ने विभाग से स्वीकृति मिलने की उम्मीद से भारी भरकम खर्चा कर सेटअप तैयार किया है लेकिन विभाग से मान्यता नहीं मिलने के कारण उनको परेशान उठाना पड़ रहा है. क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य में फ़िलहाल सिर्फ़ 2 एटीएस ही संचालित हो रहे हैं जो पर्याप्त नहीं है.
प्रदेश में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देशों के बाद 1 अप्रैल से सभी 83 फिटनेस सेंटर बंद हैं . हालांकि वाहनों के बढ़ते दबाव के बाद विभाग ने सभी परिवहन कार्यालयों में वाहनों की फिटनेस बनाने की सुविधा शुरू की है लेकिन अधिकतर विभागीय कार्यालयों में वाहनों की फिटनेस जारी करने में खानापूर्ति की जा रही है . साथ ही विभाग के कार्यालयों में मैनुअल फिटनेस जारी होने से भारत सरकार की यह मंशा जिसे लेकर एटीएस का प्रावधान किया गया था कि गड़बड़ी नहीं हो पूरी नहीं हो रही है ऑटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन को लेकर अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने परिवहन विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है .
CMO ने विभाग से पूंछा है कि कितने आवेदन पेंडिंग है और कब तक इनको स्वीकृति मिलेगी, बताया जा रहा है कि आवेदकों ने परेशान हो कर सीएमओ तक अपनी बात पहुंचाई है जिसके बाद यह रिपोर्ट मांगी गई है .