रणथंभौर टाइगर अटैक मामला: कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की मध्यस्थता से गतिरोध समाप्त, बोले-लापरवाह अधिकारियों को हटाकर जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति की होगी मांग

सवाईमाधोपुर: रणथंभौर दुर्ग में टाइगर अटैक से जैन मंदिर के चौकीदार राधे माली की मौत मामले में मांगों को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने गणेश धाम पर धरना प्रदर्शन किया. कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की मध्यस्थता से गतिरोध समाप्त हुआ. डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने पीड़ित परिवार को 20 से 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का भरोसा दिया. 

एक आश्रित को नेचर गाइड की नौकरी भी दिलाई जाएगी. इसके अतिरिक्त अन्य पात्र सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा मिलेगा. APCCF वन्यजीव राजेश गुप्ता भी वार्ता में मौजूद रहे. वन अधिकारियों पर लगे आरोपों को लेकर कल एक शिष्टमंडल को जयपुर बुलाया. आरोपी अधिकारियों के खिलाफ वन मंत्री से मुलाकात की जाएगी. लापरवाह अधिकारियों को हटाकर जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति की मांग होगी. 

आपको बता दें कि सोमवार सुबह 4:30 बजे रणथंभौर किले में स्थित जैन मंदिर के चौकीदार की बाघ के हमले में मौत हो गई थी. मृतक की शिनाख्त शेरपुर निवासी 70 वर्षीय राधेश्याम पुत्र कजोड़ माली के तौर पर हुई है. राधेश्याम माली पिछले 30 वर्ष से जैन मंदिर में चौकीदारी कर रहा था. राधेश्याम सुबह 4:30 बजे मंदिर परिसर से नेचर कॉल के लिए बाहर निकला था. इस दौरान उसके साथ दो और चौकीदार जैन मंदिर में मौजूद थे. राधेश्याम की चीख सुनकर दोनों चौकीदारों ने वन विभाग को सूचना दी. FD अनूप केआर ने तुरंत ड्रोन के साथ मौके पर रेस्क्यू टीम भेजी थी. 

रेस्क्यू टीम ने हवाई फायर कर आसपास मौजूद वन्य जीवों को खदेड़ा. मंदिर से 30-40 मीटर की दूरी पर ही राधेश्याम का आधा खाया हुआ शरीर मिल गया. राधेश्याम की गर्दन पर बाघ के केनाइन के निशान मिले. बाघ/बाघिन जांघ और कमर के हिस्से से शव  खा चुका था. शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा. पिछले 54 दिन में रणथंभौर में बाघ के हमले में तीसरी मौत हुई है.