जयपुर : हेरिटेज नगर निगम के पूर्व एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र कुमार वर्मा के साथ हुई बदसलूकी मामले में डिप्टी मेयर असलम फारूकी सहित 9 पार्षदों की गिरफ्तारी होगी. साथ ही इन पार्षदों के खिलाफ नगर पालिका कानून के तहत कार्रवाई भी की जाएगी. हेरिटेज नगर निगम के पूर्व एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा की शिकायत पर जून 2023 में तत्कालीन हेरिटेज नगर निगम की मेयर, उनके पति, डिप्टी मेयर और पार्षदों के खिलाफ माणक चौक थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एडिशनल कमिश्नर राजेन्द्र कुमार वर्मा ने अपनी शिकायत में बंधक बनाने, अपशब्द कहने और धमकाने के आरोप लगाए थे. माणक चौक थाना में दर्ज एफआईआर में राज कार्य में बाधा, बंधक बनाने, धमकाने, जबरन फाइलों पर साइन कराने के लिए बदसलूकी और जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने का मामला दर्ज हुआ था.
साथ हुई घटना से जुड़े कुछ वीडियो फुटेज भी पुलिस ने बरामद किए थे. इस एफआईआर को रद्द करने के लिए पार्षदों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे अस्वीकार कर दिया गया है. ऐसे में अब यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जिन पार्षदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी, उन सभी को गिरफ्तार की जाने की बात कही है.यूडीएच मंत्री ने कहा कि उपमहापौर और पार्षदों ने उच्च न्यायालय में एफआईआर रद्द करने के लिए याचिका प्रस्तुत की थी. वो याचिका निरस्त हो चुकी है. उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को अस्वीकार कर दिया है. अब गृह राज्य मंत्री और पुलिस के अधिकारियों से बात कर दोषियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई करने के लिए कहेंगे और गिरफ्तारी के बाद विभागीय स्तर पर जांच कर इन पार्षदों के खिलाफ नगर पालिका कानून के अनुसार भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
इन पर हुई थी एफआईआर तत्कालीन हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर, उपमहापौर अस्लम फारुखी, पार्षद उमर दराज, नीरज अग्रवाल, शफीक कुरैशी, सुनिता मावर, राबिया गुडएज, अंजलि ब्रह्मभट्ट, फरीद कुरैशी, पार्षद पति मोहम्मद अख्तर, आयशा सिद्दीकी, पार्षद पति फूलचंद, पार्षद पुत्र शाकिर, तत्कालीन महापौर के पति सुशील गुर्जर और बसंत असवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
जयपुर हेरिटेज नगर निगम में जून 2023 में एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा के निलंबन की मांग को लेकर तत्कालीन महापौर मुनेश गुर्जर पार्षदों के साथ धरना दे रही थीं. जिसमें अस्थाई सफाई कर्मचारियों की फाइल पर साइन करने की मांग को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मेयर-पार्षदों से मिलकर इस धरने को खत्म करवाया था. लेकिन, तब एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने इस मामले पर मुकदमा दर्ज कराया. हेरिटेज निगम के पार्षद सहित उपमहापौर की गिरफ्तारी किसी भी वक्त हो सकती है अब देखना ये होगा कि क्या सरकार समाप्त होते कार्यकाल में इनको राहत देती है या नहीं.