जयपुर: महिला कांग्रेस ने अपनी मजबूती के लिए इस बार सदस्यता के आधार पर जिला अध्यक्ष और प्रदेश पदाधिकारी बनाने का फैसला लिया है, लेकिन महिलाओं की सदस्यता लेने में रुचि नहीं होने के कारण अभियान बेहद धीमे चल रहा है.अभियान के तहत राजस्थान में 52 हजार महिला सदस्य बनाने का टार्गेट दिया गया है, लेकिन अभियान की लॉन्चिंग के बाद पिछले 9 माह में अब तक करीब 23 हजार ही सदस्यता हो पाई है.जिसके चलते नियुक्तियों की सिर्फ एक ही सूची जारी हो पाई.
कांग्रेस हाईकमान ने अपने अग्रिम संगठन महिला कांग्रेस को नई धार देने के लिए पिछले साल सदस्यता अभियान शुरु करने का टास्क दिया.संगठन को देशभर में पार्टी ने 10 लाख महिलाओं को सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया.इस अभियान की लॉन्चिंग पिछले साल सितंबर में हुई थी.हाईकमान ने हर बूथ से एक महिला को जोड़ने का निर्देश महिला कांग्रेस को दिया.अभियान के तहत संगठन अभी 50 फीसदी सदस्य बनाने के लक्ष्य के करीब अभी तक पहुंच पाया है.
महिला कांग्रेस सदस्यता अभियान:
-पिछले साल सितम्बर 2024 में लॉन्च हुआ था अभियान
-पार्टी ने संगठन को दिया देशभर में 10 लाख सदस्य बनाने का टार्गेट
-अब तक 5 लाख 50 हजार महिलाएं बनी पूरे देश में सदस्य
-राजस्थान से 52 हजार महिलाओं को सदस्य बनाने का लक्ष्य
-राजस्थान में अब तक 23 हजार महिलाएं बनी सदस्य
-महिलाएं अभियान में सदस्यता लेने में नहीं दिखा रही रुचि
-अभियान की धीमी रफ्तार से पदाधिकारी नियुक्ति के काम पर लगे ब्रेक
-सदस्यता के आधार पर नियुक्तियों का इस बार लागू किया मॉडल
-जिला अध्यक्ष और प्रदेश पदाधिकारी के लिए न्यूनतम 100 सदस्य बनाना अनिवार्य
सदस्यता अभियान की धीमी रफ्तार के यह हाल तो तब है जब संगठन ने सदस्यता का सारा काम ऑनलाइन और काफी सरल रखा है, लेकिन उसके बावजूद भी महिलाएं सदस्यता लेने में बिल्कुल रिस्पॉन्स नहीं दिखा रही.हाईकमान ने राजस्थान सहित तमाम राज्यों में हर बूथ से एक महिला को जोड़ने के भी निर्देश अभियान के तहत दिए हैं.राजस्थान में टोटल 52 हजार बूथ है और इतनी ही महिलाओं को सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया है.सदस्यता की स्लो स्पीड के चलते अभी भी 34 जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो पाई है.अभी टोटल 50 जिलों में सिर्फ 16 संगठन जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं.वहीं प्रदेश कार्यकारिणी में सिर्फ 12 पदाधिकारियों की अभी तक नियुक्ति हो पाई है.जबकि पूरी स्टेट की कार्यकारिणी में करीब 200 से पदाधिकारी बनाया जाना है.
अभियान के तहत संगठन से जुड़ने वाली हर महिला से 100 रुपए मेंबरशिप के भी लिए जाते हैं.यह राशि महिला लीडरशिप प्रोग्राम और सशक्तिकरण जैसे कामों में खर्च की जाएगी.अभियान के पीछे हाईकमान का मकसद महिलाओं को राजनीति में ज्यादा मौके देना और चुनाव में महिला वोटर्स की भूमिका के चलते उन्हें प्रभावित करना है, लेकिन धीमी रफ्तार के चलते कह सकते है कि अभी तो लक्ष्य काफी दूर दिख रहा है.