जयपुर: कृषि विभाग के डिकाय ऑपरेशन में फैक्ट्रियों की जांच के दौरान कृषि मंत्री कह चुके हैं कि विभाग कम नमूने ले रहा है, यदि नमूनों की संख्या बढ़ाई जाती तो बड़े मामले खुलते. आज जो स्थिति दिखाई दे रही है, उस पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकती थी. उधर, प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष में लिए गए नमूनों की बात करें तो पेस्टिसाइड के 140 नमूने लिए गए, जिनमें से मात्र 4 नमूने अमानक पाए गए हैं. जबकि 24 घंटे पहले कृषि मंत्री ने पांच फैक्ट्रियों की जांच के दौरान घटिया पेस्टिसाइड मिलने की बात की. पिछले साल कितने नमूने लिए और क्या रहा. और इस साल अब तक क्या स्थिति है.
प्रदेश में फैक्ट्रियों की जांच के दौरान एक के बाद एक मामला खुला और 20 से अधिक फैक्ट्रियों को सीज किया जा चुका है. जांच के दौरान कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कमोबेश सभी जगह नमूनों की जानकारी भी. बुधवार की जांच के दौरान वे खुद इस बात को लेकर परेशान रहे कि विभाग जांच के दौरान मान मात्र के नमूने ले रहा है. अधिकारी आते हैं और जांच कर चले जाते हैं, लेकिन सैंपल की संख्या काफी कम रही. अब सामने आ रहा है कि बड़ी फैक्ट्रियों में जांच के दौरान नमूनों की संख्या सबसे कम है, इसके चलते विभागीय अधिकारियों और फैक्ट्री संचालकों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता.
कृषि विभाग के गुण नियंत्रक अभियान से जुड़ी खबर
उर्वरक, पेस्टीसाइड और सीड के नमूनों की जांच रिपोर्ट
एक अप्रैल से अब तक हुई नमूनों की जांच रिपोर्ट
प्रदेशभर में उर्वरक के 4128 नमूने लिए
उर्वरक की जांच में 148 नमूने अमानक पाए गए
प्रदेश में पेस्टिसाइड के 140 नमूने लिए
इसमें मात्र 4 नमूने अमानक पाए गए
प्रदेश में सीड के 1778 नमूने लिए गए
मात्र तीन नमूने अमानक पाए गए
पिछले साल लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट
उर्वरक के 18921 नमूनों में 392 अमानक पाए गए
पेस्टिसाइड के 2804 नमूनों में 101 अमानक पाए गए
सीड के 6382 नमूनों में से 190 अमानक पाए गए
प्रदेश के जयपुर, अजमेर, श्रीगंगानगर सहित कई जिलों में खाद-बीज और पेस्टिसाइड की जांच की गई. उस दौरान इस बात पर फोकस रहा कि फैक्ट्री में आखिरी बार कब नमूने लिए गए थे. कुछ फैक्ट्रियों में नमूने लिए लंबा समय हो गया और जहां नमूने लिए गए, वहां भी संख्या नाम मात्र की रही. कृषि मंत्री ने भी चौमू में जाटावालन की फैक्ट्रियों की जांच के दौरान कहा कि अब नमूनों की संख्या बढाई जाएगी. लेकिन देखने वाली बात यह रहेगी कि नमूने लेने के बाद कितने अमानक निकलते हैं और किस तरह की कार्रवाई होती है.