जयपुर: भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता समाप्त कर दी गई. PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'सत्यमेव जयते'. कांग्रेस पार्टी के भारी दबाव और नेता प्रतिपक्ष के द्वारा अर्जी पेश की. अर्जी पेश करने के बाद सदस्यता रद्द करनी पड़ी. लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान सर्वोपरि है. कांग्रेस BJP को बताती रहेगी कि संविधान के मुताबिक काम करें.
PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कानून के मुताबिक सजा होते ही सदस्यता रद्द कर देनी जानी चाहिए थी. इस दौरान उन्होंने एक अभियुक्त को बचाने के लिए न सिर्फ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया. बल्कि संवैधानिक प्रावधानों एवं कोर्ट के आदेश की अवहेलना की, लेकिन अंतत: जीत सत्य की हुई और कंवरलाल की सदस्यता रद्द करनी पड़ी. क्योंकि देश में कानून और संविधान की पालना कराने के लिए कांग्रेस की सेना मौजूद है. एक देश में दो कानून नहीं हो सकते.
आपको बता दें कि विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता निरस्त कर दी गई है. 21 मई को कंवरलाल मीणा ने सरेंडर किया था. कंवरलाल मीणा ने मनोहरथाना ACJM कोर्ट में सरेंडर किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरेंडर किया था. आज ही टीकाराम जूली ने हाईकोर्ट में कंवरलाल मीणा ने की सदस्यता को निरस्त करने के लिए याचिका दायर की थी.
अंता विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता बर्खास्त कर दी गई. प्रमोद जैन भाया को हराकर कंवरलाल अंता से MLA बने थे. 5,861 वोटों के अंतर से प्रमोद जैन भाया पर जीत दर्ज की थी, लेकिन डेढ़ साल में ही कंवरलाल की सदस्यता गई. क्योंकि कंवरलाल 20 साल पुराने मामले में सजायाफ्ता है. SDM पर पिस्टल तानने, सरकारी संपत्ति को नुकसान का आरोप पहुंचाने था. सुप्रीम कोर्ट में ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने को कहा था. इसके बाद कंवरलाल ने 21 मई को सरेंडर किया.