जयपुर: राजस्थान कांग्रेस को लेकर दिल्ली में प्रभारी रंधावा ने राज्य के नेताओं के साथ मंथन किया.बैठक में निष्क्रिय पदाधिकारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट,पंचायत-निकाय चुनाव रणनीति और नए दफ्तर के निर्माण सहित कईं मसलों पर मंत्रणा हुई.बैठक के बाद रंधावा ने कहा कि हाईकमान की मंशा के तहत संगठन मजबूती और सक्रियता उनकी पहली प्राथमिकता है.ऐसे में काम करने वाले मेहनती नेता ही अब पदों पर रहेंगे.
पिछले एक हफ्ते से राजस्थान कांग्रेस काफी एक्टिव नजर आ रही है.पहले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर में बैक टू बैक दो दिन तमाम 200 विधानसभा कोऑर्डिनेटर के साथ मंथन किया.उसके बाद दिल्ली में प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने राजस्थान के नेताओं के साथ अहम समीक्षा बैठक की.बैठक में संगठन निर्माण और मजबूती को लेकर तमाम पहलू पर मंत्रणा की गई.पीसीसी चीफ डोटासरा ने संगठन के खाली पड़े पद,अब तक हुई नियुक्तियां और अन्य पदाधिकारियों की परफॉर्मेंस को लेकर रिपोर्ट दी.निष्क्रिय पदाधिकारियों को लेकर डोटासरा ने साफ कहा उन्हें हटाकर फिर नए लोगों को मौका दिया जाएगा.
निष्क्रिय पदाधिकारियों के अलावा बैठक में कई बागी औऱ निष्कासित नेताओं को वापस लेने पर भी चर्चा की गई.साथ ही आगामी पंचायत औऱ निकाय चुनाव रणनीति को लेकर भी मंथन किया गया.वहीं जयपुर में नए पार्टी के दफ्तर के निर्माण पर भी विस्तार से चर्चा हुई.उसके बाद निर्माण राशि सहित कईं मसलों को लेकर राजस्थान नेताओं ने कोषाध्यक्ष अजय माकन से भी मुलाकात की.प्रभारी रंधावा ने कहा कि बैठक में पीसीसी पदाधिकारियों से लेकर ब्लॉक लेवल के नेताओं की परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर चर्चा हुई कि वो सक्रिय है या नहीं.रंधावा ने साफ कहा कि अब काम करने वाले मेहनती लोगों को ही पद दिए जाएंगे.साथ ही नए जिलों में संगठन निर्माण और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के मसले पर भी बातचीत हुई.
कुल मिलाकर बैठक के निचोड़ की बात करें तो यह साफ संकेत है कि निष्क्रिय पदाधिकारियों को लेकर नेतृत्व अब कोई समझौते के मूड में नहीं है.पिछले दिनों डोटासरा ने एकसाथ 17 ब्लॉक अध्यक्षों को नोटिस देकर अपने इरादे भी जाहिर कर दिए थे.अब देखना है कि बड़े लेवल पर जैसे निष्क्रिय पीसीसी पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की कब छुट्टी होती है या फिर नहीं.