जयपुर: राजस्थान में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन के मामले में खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गोपनीय सूचना तंत्र ने एक ऐसा भंडाफोड़ किया कि पूरा खनन माफिया और उससे भ्रष्टाचार का काला गठजोड़ रखने वाले खनन अधिकारी थर थर कांप रहे हैं. जी हां मुख्यमंत्री को भरतपुर जिले में अवैध खनन की सूचनाओं मिल रही थी जिसमें खनन अधिकारियों की मिली भगत की शिकायत भी शामिल थी इसके बाद मुख्यमंत्री ने खनन निदेशक दीपक तंवर के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया जिसने भरतपुर में 180 करोड रुपए से ज्यादा का अवैध खनन पकड़ा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा खान विभाग में अवैध खनन के विरुद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई एवं नीति अनुरूप मुख्यमंत्री द्वारा 2 अप्रैल को सभी संबंधित विभागों के शीर्ष अधिकारियों एवं समस्त राजस्थान के जिलों में स्थिति संबंधित विभागों के जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, खान विभाग के अधिकारियों वन विभाग एवं परिवहन विभाग के अधिकारियोें को संबोधित करते हुए चेतावनी दी की राज्य में किसी भी प्रकार का अवैध खनन सहन नहीं किया जाएगा.
मुख्यमंत्री के निर्देशों में समस्त राजस्थान में खान विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा गोपनीय सूत्रों के आधार पर निदेशालय की एक विषेष जांच दल चिन्हित स्थानों पर विगत तीन दिनों में भरतपुर, रूपवास, सवाईमाधोपुर, करौली एवं बूंदी में कार्रवाई की गई. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन पर प्रमुख सचिव टी. रविकांत के निर्देश की अनुपालना में की गई कार्रवाई के क्रम में खान निदेशक दीपक तंवर द्वारा बताया गया कि ग्राम छपरा तहसील पहाड़ी में खनन पट्टा संख्या 201/2009 योगेन्द्र सिंह द्वारा लगभग 1.20 लाख टन खनिज मैसेनरी स्टोन के रवन्नाओं का दुरुपयोग किया गया, जिनके विरुद्ध शास्ती स्वरूप राशि 5.38 करोड़ आरोपित की गई. खनन पट्टा संख्या 201/2011 रोशन लाल द्वारा 21,354 टन रवन्नाओं का दुरुपयोग किया गया, जिनके विरुद्ध 96 लाख की शास्ती आरोपित की गई.
इसी प्रकार खनन पट्टा संख्या 89/2011 मंजीत सिंह द्वारा 88,102 टन खनिज का बिना रवन्नाओं के निगर्मन किए जाने से शास्ती राशि 3.96 करोड़ रुपये आरोपित की गई. ग्राम धौलेट में खनन पट्टा संख्या 390/05 राजेश बंसल द्वारा 2,11,973 टन खनिज के निगर्मन में रवन्नाओं का दुरुपयोग किया गया, जिनके विरुद्ध शास्ती राषि 9.54 करोड़ आरोपित की गई. खनन पट्टा संख्या 392/05 बृजलाल द्वारा बिना रवन्नाओं के 37,680 टन खनिज का बिना रवन्नाओं के अवैध निगर्मन किया गया, जिनके विरुद्ध 1.70 करोड़ रुपये की शास्ती आरोपित की गई. खनन पट्टा संख्या 389/05 गौरव बंसल द्वारा 11.87 लाख टन खनिज का बिना रवन्नओं के अवैध निगर्मन किया गया, जिन पर शास्ति 53.42 रुपये आरोपित की गई. खनन पट्टा संख्या 393/05 प्रदीप गुप्ता द्वारा 6.92 लाख अवैध खनन का बिना रवन्नाओं का निगर्मन किए जाने पर शास्ती राशि 27.01 करोड़ आरोपित की गई. खनन पट्टा संख्या 299/02 अभिषेक द्वारा 6.80 लाख टन अवैध खनन का निगर्मन बिना रवन्नाओं के किए जाने पर 30.61 करोड़ की शास्ती आरोपित की गई. इसी प्रकार नांगल क्षेत्र में खनन पट्टा संख्या 471/02 मेसर्स जीटीसी एंड कंपनी द्वारा 3.84 लाख टन का अवैध खनन अपने स्वीकृत खनन पट्टा क्षेत्र से बाहर किए जाने पर निगर्मन करने पर 17.29 करोड़ की शास्ती आरोपित की गई.
खनन पट्टा संख्या 128.02 मेसर्स एचटीसी कंपनी द्वारा अपने स्वीकृत खनन पट्टा क्षेत्र से बाहर 3.04 लाख टन खनन पट्टा क्षेत्र से बाहर अवैध खनन किए जाने पर 13.71 करोड़ रुपये की शास्ती आरोपित की गई. खनन पट्टा संख्या 120/02 शरद जैमन एवं खनन पट्टा संख्या 373/07 के मध्य स्थित गैप क्षेत्र में 2.03 लाख का अवैध खनन किया जाना प्रमाणित होने पर 9.14 करोड़ की शास्ती आरोपित की गई. इसी प्रकार एक अन्य गैप क्षेत्र में 1.66 लाख अवैध खनन पाए जाने पर 7.50 करोड़ रुपये की शास्ती आरोपित की गई एवं शुभ लाभ स्टोन क्रेशर द्वारा 3479 टन अवैध खनिज निगर्मन करने पर शास्ती 15.66 लाख आरोपित की गई. भरतपुर जिले की मात्र एक तहसील में 180 करोड़ अवैध खनन होने के उपरांत भी खान विभाग के अधिकारियों द्वारा अभियान प्रारंभ होने और मुख्यमंत्री के स्पष्ट दिशा निर्देशों के बाद भी खान विभाग के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया है. खान विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि इतने व्यापक पैमाने पर अवैध खनन पाया जाता है खनिज अभियंता/सहायक खनि अभियंता आ अन्य संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी.