VIDEO: जयपुर ग्रेटर नगर निगम में बहेगी विकास की गंगा ! 40 अविकसित वार्डों के लिए 2 -2 करोड़ आवंटित, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: ग्रेटर नगर निगम में आने वाले दिनों में विकास की गंगा वहती देखेगी. महापौर सौम्या गुर्जर ने 40 अविकसित वार्डों को 2 -2 करोड़ और 110 विकसित वार्डों को 50 लाख रुपए का बजट देने की घोषणा की है,  लेकिन क्या मानसून और फिर आचार संहिता में इन वार्डों का डवलपमेंट हो पाएगा? शहरी सरकार से विकास की बाट जोह रहे 40 वार्डों की आने वाले दिनों में सूरत बदलती हुई दिखाई देगी. क्योंकि इन अविकसित वार्डों में विकास के लिए निगम की ओर से 2 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

निगम की ओर से दो-दो करोड़ रुपए खर्च कर इन्हें अविकसित श्रेणी से विकसित श्रेणी में लाने की योजना बना रहे हैं. हाल ही में कराए गए सर्वे में इन वार्डों को 'अविकसित' घोषित किया गया. ग्रेटर निगम मेयर डॉ सौम्या गुर्जर ने बताया की नगर निगम प्रशासन की ओर से पिछले दिनों एक सर्वे करवाया गया. जिसमें अलग-अलग कार्यों को ध्यान में रखते हुए वार्डों की दो कैटेगिरी (विकसित और अविकसित) निर्धारित की. अब इन अविकसित वार्डों में 2-2 करोड़ रुपए का बजट देकर निगम प्रशासन इनमें काम करवाएगा और इन्हें विकसित वार्डों की श्रेणी में लाएगा. 

ये 40 वार्ड जिनमें विकास के लिए खर्च होंगे 2 -2 करोड़:
जोन - वार्ड
मुरलीपुरा - वार्ड 1, 2, 3, 4, 5
झोटवाड़ा - वार्ड 44, 45, 46, 47,48, 49, 50, 51, 53, 56, 59, 60, 63
मानसरोवर - 65, 66, 67, 68, 71, 74, 86
सांगानेर - 88, 91, 94, 96,97, 98, 99
जगतपुरा - 119, 120, 121, 122, 123, 124
मालवीय नगर - 143, 144

वहीं 110 वार्ड जो विकसित श्रेणी में है उनको 50-50 लाख रुपए का बजट देकर वहां जरूरी काम करवाने की घोषणा की. मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर ने बताया कि जो बजट वार्डों को आवंटित किया है, उस बजट का 20-20 फीसदी हिस्सा वार्डों में बने पार्कों के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा. जो सड़क, सीवरेज, नाली समेत अन्य कार्यों के बजट मद में सबसे ज्यादा है. वहीं इस बजट में दूसरी प्राथमिकता सीवरेज और तीसरे नंबर पर सड़क को दी गई है. वहीं मेयर ने बताया कि इस मानसून में जयपुर शहर सीमा में 10 लाख नए पौधे लगाएंगे. इससे पहले साल 2024 के मानसून सीजन में 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था, जिसे पूरा किया. ग्रेटर निगम की ओर से विकसित ओर अविकसित वार्डो में दिया बजट अगर सही समय पर इस्तेमाल होगा तो शहर और वार्डो की हालत में खास सुधार होगा लेकिन हर बार की तरह अगर लापरवाही बरती गई तो हालत जस के तस रहेंगे.