जयपुरः क्या द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट में कंक्रीट निर्माण के कारण गिरा भूजल स्तर है ? इसको लेकर जेडीए की कराई स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है भूजल विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि 2000 से ही सांगानेर ब्लॉक में कुओं के सूखने का सिलसिला जारी है. वर्ष 2000 में जहां इस क्षेत्र में चार कुएं सूखे थे, वहीं 2023 में इसकी संख्या 24 हो गई,
प्रोजेक्ट जब वर्ष 2016 में शुरू हुआ तब सूखे कुओं की संख्या थी 18, वर्ष 2017 में भी यह संख्या 18 ही रही, वर्ष 2018 में जब प्रोजेक्ट हुआ पूरा,सूखे कुओं की संख्या हो गई 22, इसके बाद वर्ष 2020 में सूखे कुओं की संख्या 23 और वर्ष 2023 में कुओं की संख्या 24 हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार भूजल स्तर गिरने का कारण केवल यह प्रोजेक्ट की नहीं बल्कि सिंचाई व पेयजल के लिए भूजल दोहन भी किया गया है.
जेडीए द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट में रिचार्ज कुएं निर्मित करेगा. ताकि द्रव्यवती नदी का स्वच्छ जल भूगर्भ तक पहुंचे. नदी के दोनों तरफ 25 नए रिचार्ज कुएं निर्मित किए जाएंगे. सांगानेर क्षेत्र में 25 रिचार्ज कुओं का निर्माण किया जाएगा. कुओं में प्रोजेक्ट के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पंप किया जाएगा. प्लांट के क्लोरीन कॉन्टेक्ट टैंक से पानी को पंप किया जाएगा. टैंक से सीधे पानी पंप करने के पीछे उद्देश्य यही है कि
नदी का स्वच्छ पानी ही भूगर्भ तक पहुंचाया जाए.