राजस्थान रेरा की बैठक में किए गए कई बड़े फैसले, प्रमोटर्स को प्रोजेक्ट के विज्ञापन में रखने होंगे बड़े फोंट साइज, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र में और अधिक पारदर्शिता लाने, लोक लुभावने दावों के कारण होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के उद्देश्य से राजस्थान रियल एस्टेट रेग्युलेटरी ऑथोरिटी (रेरा) ने कई बड़े फैसले किए हैं. किस तरह ये फैसले रियल एस्टेट पर असर डालेंगे.

राजस्थान रियल एस्टेट रेग्युलेटरी ऑथोरिटी की हाल ही बैठक हुई थी. राजस्थान रेरा चैयरमेन वीन गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रेरा से जुड़े नियमों की प्रभावी पालना करने, विभिन्न प्रक्रियाओं में आ रही व्यावहारिक समस्याओं को दूर करने और रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिहाज से कई फैसले किए गए.

राजस्थान रेरा की बैठक में किए ये फैसले
प्रमोटर्स को प्रोजेक्ट के विज्ञापन में रखने होंगे बड़े फोंट साइज
बड़े फोंट साइज में विज्ञापन में दिखाना होगा रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर
विज्ञापन में जितने फोंट साइज में होगी प्रोजेक्ट की डिटेल
उतने ही फोंट साइज में दिखाने होंगे रजिस्ट्रेशन नंबर व रेरा वेबसाइट एड्रेस
साथ ही स्पष्ट तौर पर क्यूआर कोड भी विज्ञापन भी दिखाने होंगे
ताकि कोई भी व्यक्ति उसे आसानी से स्कैन कर जान सके प्रोजेक्ट डिटेल
इसके मुताबिक विज्ञापन के ऊपरी दायीं तरफ के चौथाई भाग में होगा जरूरी
विज्ञापन में रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर,रेरा का वेबसाइट एड्रेस और
क्यू आर कोड को रखना होगा जरूरी
रियल एस्टेट एजेंट को भी अपने नाम के डिस्पले में करनी होगी इसकी पालना
इस बैठक में यह फैसला किया गया कि राजस्थान रेरा अब जारी नहीं करेगा एक्जेम्पशन सर्टिफिकेट
ऐसे प्रोजेक्ट जिनके पूरा होने तक प्रमोटर नहीं करते हैं बुकिंग
प्रोजेक्ट की इकाईयों के बेचान के लिए नहीं करते हैं बुकिंग
इसके लिए प्रोजेक्ट का विज्ञापन भी नहीं करते हैं
ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए जारी किया जाता था एक्जेम्पशन सर्टिफिकेट
बैठक में चर्चा की गई कि ऐसे मामले सामने आए हैं
जिनमें एक्जेम्पशन सर्टिफिकेट तो जारी किया गया था
लेकिन इसके बावजूद इकाईयों के बेचान के लिए की गई बुकिंग
एग्रीमेंट फॉर सेल के प्रारूप में बदलाव करने का भी किया गया फैसला
ग्रुप हाउसिंग व प्लॉटेड डवलपमेंट की योजनाओं के लिए का होगा अलग-अलग प्रारूप
इसके लिए रेरा चैयरमेन की अध्यक्षता में गठित की गई समिति
यह समिति अलग-अलग प्रारूप करेगी तैयार
साथ ही आवश्यक होने पर नियमों में बदलाव की भी करेगी सिफारिश
बाद में मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा राज्य सरकार को
ग्रुप हाउसिंग व प्लॉटेड डवलपमेंट हैं अलग-अलग तरह की योजनांए
इसके चलते रेरा की बैठक में यह माना गया
कि एग्रीमेंट फॉर सेल के प्रारूप भी इनका हो अलग-अलग

राजस्थान रेरा की हाल ही हुई इस बैठक के मिनिट्स जारी कर दिए गए हैं. विभिन्न प्रक्रियाओं में आ रही व्यावहारिक समस्याओं को दूर करने और प्रमोटर्स व डवलपर्स को राहत देने को लेकर भी कई फैसले किए गए. इसके साथ ही विभिन्न प्रकरणों में रेरा की ओर से किए गए फैसलों की पालना किस तरह से कराई जाए और कैसे इन फैसलों से प्रभावितों को राहत दी जाए, उसको लेकर भी व्यवस्था की गई है.  

राजस्थान रेरा ने ये भी किए बड़े फैसले
राजस्थान रेरा की ओर से अटैच संपत्तियों का करेगा ई-ऑक्शन
केन्द्र सरकार का उपक्रम MSTCलिमिटेड करेगा ई-ऑक्शन
इसके लिए राजस्थान रेरा व MSTC के बीच जल्द होगा एग्रीमेंट
राजस्थान रेरा बैठक में इस बारे में दी गई सैद्धांतिक स्वीकृति
इस कार्य के लिए MSTC की सेवाएं लेने की दी स्वीकृति
रेरा नियमों की अवहेलना पर विभिन्न प्रकार का जुर्माना वसूलने,
ब्याज वसूलने,आवंटियों की जमा राशि लौटाने के लिए की जाती है अटैच
संबंधित प्रमोटर की संपत्ति रेरा की ओर से की जाती है अटैच
ऐसे में अटैच संपत्तियों के ई ऑक्शन की MSTC को दी जाएगी जिम्मेदारी
राज्य सरकार के नियमों के तहत किया जाएगा ई ऑक्शन
ई ऑक्शन से प्राप्त राशि से रेरा के आदेशों की पालना की जाएगी सुनिश्चित
राजस्थान रेरा ने प्रमोटर्स व डवलपर्स को दी बड़ी राहत
अब रेरा में पंजीकरण के आवेदन के साथ नहीं होगा जरूरी
प्रोजेक्ट की स्ट्रक्चरल ड्रॉइंग्स सबमिट करना नहीं होगा जरूरी
राजस्थान रेरा की हाल ही हुई बैठक में किया अहम फैसला
प्रमोटर्स व डवलपर्स ने रेरा से यह राहत देने की मांग की थी
इनका कहना है कि इमारत के निर्माण के दौरान होते हैं बदलाव
इमारत की स्ट्रक्चरल ड्रॉइंग्स में करने पड़ते हैं कई बदलाव
वहीं दूसरी तरफ स्ट्रकचरल ड्रॉइंग्स तैयार करने में लगता है समय
तीन से चार महीने का लग जाता है अतिरिक्त समय
इसके चलते प्रोजेक्ट को रेरा में पंजीकृत कराने में होती है देरी
प्रमोटर्स व डवलपर्स के इन तर्कों पर राजस्थान रेरा ने किया फैसला
पंजीकरण के लिए ड्रॉइंग्स की अनिवार्यता खत्म करने का किया फैसला
इसके अनुसार प्रमोटर को यह ड्राइंग करनी होगी सबमिट
प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले ही करनी होगी सबमिट
पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने से पहले करनी होगी सबमिट
इसके लिए प्रमोटर को रेरा में देना होगा शपथ पत्र
प्रोजेक्ट के पंजीकरण के समय रेरा में देना होगा शपथ पत्र
इस बैठक में फार्म हाउस योजनाओं की स्टैण्डर्ड फीस में राहत देने का किया फैसला
अब इन योजनाओं के लिए रेरा वसूलेगा स्टैंडर्ड फीस
5 रुपए के बजाए 3 रुपए प्रति वर्ग मीटर लगेगी स्टैंडर्ड फीस
इस वर्ष 1 जून से लागू होगी नई फीस