नई दिल्लीः मुगलकाल से आगरा की सांस्कृतिक पहचान रही मिठाई पेठा पर कहर हो गया है. नूरी गेट पर पेठे के कारखानों को शहर से 30 किमी दूर भेजने के निर्देश दिए गए है. मुगलकाल से ही आगरा के नूर गेट में पेठे बनते रहे हैं. शाहजहां ने ताजमहल बनाया, इसके साथ ही पेठे का आविष्कार हुआ.
ताजमहल के संगमरमर जैसी मिठाई पेठा बनाने का सिलसिला शुरू हुआ. नूरी गेट इलाके में पेठा बनाने के 500 से ज्यादा छोटे-बड़े कारखाने है. रोजाना 1000 क्विंटल पेठे का उत्पादन, 5000 लोगों को रोजगार मिलता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह सिलसिला अब खत्म होने के करीब है. ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए नूरी गेट में पेठे के कारखाने बंद होंगे.