VIDEO: खतरे के मुहाने पर एसएमएस अस्पताल ! चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के दौरे में खुली कुप्रबन्धन की पोल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान का सबसे बड़ा एसएमएस अस्पताल खतरे के मुहाने पर है.जी हां ये कोई हमारा आरोप नहीं, बल्कि अस्पताल में सिविल वर्क के कुप्रबन्धन की बानगी है.जिसकी पोल खुद चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के औचक निरीक्षण में खुली.निरीक्षण के दौरान अस्पताल के बेसमेंट में जगह-जगह सीवर का पानी दीवारों से रिसता हुआ मिला.इस दौरान मौजूद अधिकारियों से जवाब तलब किए गए तो सभी बगले झांकते नजर आए.चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के एसएमएस अस्पताल के मैराथन दौरे ने पूरे सिस्टम को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.

चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंचे और सबसे पहले कैंटीन का निरीक्षण किया.इसके बाद वे इमरजेंसी,आईपीडी के कई वार्डों के अलावा बांगड़ में पहुंचे.इस दौरान बांगड के बेसमेंट के जर्जर हालात देख वे दंग रह गए.यहां मुख्य दीवार से सीवर का पानी रिसता मिला, साथ ही पूरे परिसर में एसी के आउटर कबाड़ के रूप में रखे दिखे.यह देख उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता अविनाश शर्मा, अधिशासी अभियंता मुकेश सिंघल, अधिशासी अभियंता अशोक सिंघल और अन्य अफसरों की जमकर क्लास लगाई और साथ ही अगले दस दिन में अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के सख्त निर्देश दिए.

एसएमएस अस्पताल में "लाइलाज" कबाड़ !:
-प्रदेश के "अपेक्स" चिकित्सा संस्थान के कर्ताधर्ताओं का कुप्रबन्धन
-चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के दौरे में जगह-जगह बिखरा मिला कबाड
-बांगड बेसमेंट में काफी बड़ी जगह पर बिखरा मिला कबाड़,जिससे आ रही थी सीलन
-यह देख चिकित्सा शिक्षा सचिव हुए नाराज, कहा-यहां है सिर्फ कबाड़, कबाड़ और कबाड़
-23 मई को भी दौरे के दौरान चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कबाड़ निस्तारण के दिए थे निर्देश
-बावजूद इसके जगह-जगह कबाड़ देखकर अम्बरीश कुमार ने प्रशासन ने किए सवाल
-साथ ही कहा - एक जगह ऐसी चिन्हित करो, जहां एकसाथ ही रखा जाए हर तरह का कबाड़

कॉरिडोर के बजाय कबाड़ में डस्टबिन !:
-चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के दौरे में खुली कुप्रबन्धन की पोल
-अस्पताल की दूसरे फ्लोर पर निरीक्षण के दौरान अम्बरीश कुमार ने खुलवाए ताले
-कई बन्द कक्ष व शौचालयों के खुलवाएं ताले तो वहां कबाड़ में दिख डस्टबिन
-ऐसे में चिकित्सा शिक्षा सचिव ने अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों से किए सवाल
-सुविधा के लिए जिन डस्टबिन को कॉरिडोर में रखा जाना चाहिए, वो ताले में पड़े है
-यदि प्रशासनिक अधिकारी ध्यान दें तो इस तरह की स्थिति नहीं बनेगी
-इस दौरान जगह-जगह कक्षों में ताले देखकर चिकित्सा शिक्षा सचिव ने जताई नाराजगी
-उन्होंने कहा कि अगली बार जब दौरा हो तो सभी कक्षों के ताले खुलवाकर रखे जाए
-ताकि, ये पता लग सके कि आखिर ताले लगे कक्ष किस काम आ रहे है ?