जयपुर: देश में मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है. इसके साथ ही राजस्थान में जल संसाधन विभाग ने बाढ़ प्रबंधन की तैयारियां तेज कर दी हैं. विभाग 15 जून से केंद्रीय बाढ़ कक्ष संचालित करेगा, जो लगातार 24 घंटे निगरानी का काम करेगा. बारिश के शुरुआती दौर से लेकर भारी वर्षा तक, हर गतिविधि पर यहां नजर रखी जाएगी.
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय बाढ़ कक्ष में 25 से 30 कर्मचारी तैनात रहेंगे. इनका काम न केवल बारिश के आंकड़े इकट्ठा करना होगा, बल्कि बाढ़ की स्थिति में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करना भी होगा. इस कक्ष के जरिए बांधों के जलस्तर और नदी प्रणाली की भी निगरानी की जाएगी. राजस्थान के जल संसाधन विभाग का यह कदम मानसून के प्रभावी रहने तक संचालित रहेगा.
मानसूनी बारिश राजस्थान के लिए राहत लेकर आती है, लेकिन अधिक बारिश बाढ़ जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है. इसीलिए जल संसाधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है और आपदा प्रबंधन के लिए तैयारियां कर रहा है. केंद्रीय बाढ़ कक्ष का मुख्य कार्य बारिश और बांधों के जलस्तर की गहन निगरानी करना है.
यहां से प्राप्त आंकड़े राज्य के प्रशासन को भेजे जाएंगे जिससे जलभराव और बाढ़ की स्थिति में त्वरित कार्यवाही की जा सके.25 से 30 प्रशिक्षित कर्मचारी केंद्रीय बाढ़ कक्ष में 24 घंटे काम करेंगे. ये कर्मचारी बारिश, बांध की स्थिति और संभावित बाढ़ के जोखिम पर नजर रखेंगे.