जयपुरः बिहार में कांग्रेस को फिर से खड़ा करने की कवायद है. राहुल गांधी इस वर्ष 3 बार बिहार का दौरा कर चुके है. मार्च में बेगूसराय में कन्हैया कुमार के मार्च में शामिल थे. कन्हैया कुमार ने "पलायन रोको, नौकरी दो" अभियान शुरू किया था. फरवरी में राहुल के पसंदीदा कृष्ण अल्लावरु बिहार के प्रभारी बने.
एक माह बाद नए बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति हुई. अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह दलित नेता राजेश कुमार प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त हुए. राजद से गठबंधन कायम रखते हुए खोई जमीन हासिल करने का प्रयास है.
कन्हैया कुमार की लोकप्रियता से भी कांग्रेस को मदद मिल रही है. कांग्रेस बिहार में सहयोगी राजद की छाया से बाहर निकलना चाहती है. इस रणनीति से राजद सतर्क है. और उसे कांग्रेस का मजबूत होना पसंद नहीं है.