VIDEO: त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट सबमिट करने में देरी पड़ेगी भारी, RERA ने ऐसे प्रमोटर्स पर कसा बड़ा शिकंजा, जानिए क्या है पूरा मामला

जयपुर: राजस्थान रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी ऑथोरिटी (RERA) की हाल ही बैठक हुई थी. इस बैठक में जहां एक तरफ रेरा नियमों की पालना कराने को लेकर कड़े फैसले किए गए. वहीं प्रदेश के रियल एस्टेट के प्रोत्साहन को लेकर भी राहत दी गई. साथ ही खरीददरों के हितों की सुरक्षा के लिए भी बड़े फैसले किए गए. चेयरमैन वीनू गुप्ता की अध्यक्षता में हाल ही रियल एस्टेट रेग्युलेटरी ऑथोरिटी की बैठक हुई थी. बैठक के कार्यवाही विवरण जारी कर दिए गए हैं. इस बैठक में रेरा नियमों की पालना को लेकर कड़े फैसले किए गए हैं.

RERA नियमों की पालना के कड़े फैसले:
-RERAमें पूर्णता प्रमाण पत्र,अधिवास प्रमाण पत्र और रहन मुक्त पत्र सबमिट करने में देरी पड़ेगी अब भारी
-निर्धारित अवधि के बाद देरी पर प्रमोटर को एक हजार रुपए प्रतिदिन के अनुसार देना होगा जुर्माना
-यह फैसला इसी वर्ष एक मार्च से किया जाएगा लागू
-रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी कानून(RERA)के तहत बने नियमों के अनुसार
-संबंधित निकाय से पूर्णता प्रमाण पत्र,अधिवास प्रमाण पत्र व रहन मुक्त पत्र जारी होने के 45 दिन में सबमिट करना है जरूरी
-रेरा में पूर्णता प्रमाण पत्र,अधिवास प्रमाण पत्र व रहन मुक्त पत्र सबमिट करना है जरूरी
-लेकिन कई प्रमोटर इस नियम की नहीं कर रहे हैं पालना
-पालना नहीं होने पर अब तक किसी प्रकार का जुर्माने का नहीं था प्रावधान
-लेकिन जितने दिन की होगी देरी,उस अनुसार प्रति दिन 1 हजार रुपए का लगेगा जुर्माना
-त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट (QPR)सबमिट करने में देरी भी अब प्रमोटर भारी पड़ेगी
-रियल एस्टेट रेग्युलेटरी ऑथोरिटी की बैठक में नए सिरे से जुर्माना लगाने का फैसला किया
-QPR सबमिट करने में जितनी देरी होगी उस अनुसार प्रति तिमाही 5 हजार रुपए लगेगा जुर्माना
-इस वर्ष 1 मार्च से ही जुर्माना वसूली की यह नई व्यवस्था की जाएगी लागू
-अब तक कोई प्रमोटर QPRसबमिट करने में कितनी ही देरी करे
-उसे केवल एक बार ही रेरा को बतौर जुर्माना देने पड़ते हैं 5 हजार रुपए
-1 मार्च से लागू की जाने वाली नई व्यवस्था में यू देना पड़ेगा जुर्माना
-मसलन किसी प्रमोटर ने जनवरी-मार्च की QPR दिसंबर में सबमिट की
-तो प्रमोटर को तीनों तिमाही अप्रेल-जून,जुलाई-सितंबर व अक्टूबर-दिसंबर का देना होगा जुर्माना
-प्रति तिमाही 5 हजार के हिसाब से तीन तिमाही के देने होंगे 15 हजार रुपए  
-इसी तरह RERAमें पंजीकरण से छूट प्राप्त योजनाओं के लिए अधिवास प्रमाण पत्र पेश करना बाध्यकारी किया गया है

रेरा चैयरमेन वीनू गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रियल एस्टेट से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई. साथ ही खरीददारों के हितों को किस तरह से सुरक्षित किया जा सकता है. उस पर भी विचार किया गया. आपको बताते है कि रियल एस्टेट रेग्युलेटरी ऑथोरिटी ने इस दिशा में क्या बड़े फैसले किए गए हैं.

RERA ने क्या बड़े फैसले किए?:
-RERA ने प्रदेश भर के रियल एस्टेट के ऐसे प्रमोटर्स को बड़ी राहत दी है
-जिन्होंने अपने प्रोजेक्ट रेरा में नहीं कराए थे पंजीकृत और उनका प्रोजेक्ट भी हो चुका है पूरा
 -अब सरकार की सख्ती के चलते ये प्रमोटर्स प्रोजेक्ट के पंजीकरण के लिए RERA में आवेदन कर रहे हैं
-लेकिन ले आउट प्लान की वैद्यता खत्म होने के चलते पंजीकरण नहीं हो रहा है
-ऐसे मामलों में RERA ने इस वर्ष 30 जून तक प्रोजेक्ट के पंजीकरण के लिए राहत दी है
-इसके मुताबिक 30 जून तक आवेदन करने पर RERA में कराया जा सकेगा पंजीकरण
-ले आउट प्लान की वैधता खत्म होने के बावजूद भी कराया जा सकेगा पंजीकरण
-ऐसे में रेरा में प्रोजेक्ट के पंजीकरण के लिए प्रमोटर को ले आउट प्लान की वैद्यता बढ़वाने के लिए मशक्कत नहीं करनी होगी
-प्लॉटेड डवलपमेंट की योजनाओं में पेयजल आपूर्ति का नक्शा RERA में पेश जरूरी होगा
-यह नक्शा पूर्णता प्रमाण प्रमाण पत्र सबमिट करते समय पेश करने के बजाए प्रोजेक्ट के पंजीकरण के समय ही पेश करना होगा
-योजना में भूखंड की बुकिंग कराने वाले खरीदार को इसमें पेयजल आपूर्ति की हो जानकारी
-इसी लिहाज से रेरा के नियमों में बदलाव के बाद नई व्यवस्था लागू की जाएगी
- प्रदेश की होटल इंडस्ट्री को लेकर भी रेरा ने बड़ा फैसला किया
-अब ऐसे होटल प्रोजेक्ट्स भी आएंगे RERAके दायरे में जिनमें होटल यूनिट का बेचान वैद्य विक्रय पत्र से कर दिया गया हो
-और खरीदार ने वापस उस यूनिट को विकासकर्ता को दे दी हो लीज पर
-ऐसे सभी होटल प्रोजेक्ट्स का RERA के तहत कराना होगा पंजीकरण
-प्रदेश में मई 2017 से लागू हैं रियल एस्टेट रेग्युलेटरी एक्ट
-जानकारों के अनुसार जब से यह कानून प्रदेश में हुआ था लागू
-उसके बाद से सृजित होटल प्रोजेक्ट भी आ सकते हैं RERAके दायरे में
-औद्योगिक योजनाओं के लिए स्टैण्डर्ड फीस में पचास फीसदी की कटौती कर RERA ने बड़ी राहत दी है
-अब इन योजनाओं के लिए इस 1 मार्च से 10 रुपए के बजाए 5 रुपए प्रति वर्ग मीटर लगेगी स्टैंडर्ड फीस