बाघ टी 86 'चिरिको' ने दिया 'नो प्लास्टिक' का संदेश, अटल सागर से प्लास्टिक कचरे से भरी बोरी निकालता दिखा बाघ

बाघ टी 86 'चिरिको' ने दिया 'नो प्लास्टिक' का संदेश, अटल सागर से प्लास्टिक कचरे से भरी बोरी निकालता दिखा बाघ

जयपुर: यूं तो कहा जाता है कि वन्य जीव बेजुबान होते हैं लेकिन प्रकृति संरक्षण के मामले में उनकी जेहनी ताकत इंसानों से कहीं ज्यादा नजर आती है. ऐसा ही नजारा देखने को मिला रणथंभौर में जब बाघिन टी 8 लाडली का बेटा टी 86 'चिरिको' इंसानों को नसीहत देता नजर आया. 

रणथंभौर के अटल सागर क्षेत्र में दो-तीन दिन पहले वाइल्डलाइफर शोभित तिवारी ने एक ऐसे दृश्य को अपने कैमरे में कैद किया जो इंसानों को उनकी गलती सुधारने का संदेश देने के लिए काफी है. बाघ चिरिको पहले तो अटल सागर के किनारे पहुंचा. फिर धीरे-धीरे पानी के अंदर उतरा. एक गहरी डुबकी लगाई और खुशी क्षणों में जब बाहर निकाला तो उसके मुंह में एक ऐसी बड़ी कचरे की बोरी थी जिसके अंदर प्लास्टिक व अन्य कचरा भरा हुआ था. 

बाघ ने इस कचरे की बड़ी बोरी को न केवल अटल सागर से बाहर निकाला वरन उसे दूर ले जाकर छोड़ भी दिया. मानो कह रहा हो कि जंगल में प्लास्टिक प्रतिबंधित हो चुका है, कृपया प्लास्टिक प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को न तो जंगल मे लाएं न इनका इस्तेमाल करें. यह जंगल जंगल में रहने वाले वन्य जीव और पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा है.