जयपुर: विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा पर प्रदेश में वंदे गंगा, जल संरक्षण-जल अभियान का आगाज हुआ. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रामगढ़ बांध में श्रमदान कर अभियान की शुरुआत की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने बांध के भराव क्षेत्र में जलेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की. जमवारामगढ़ वन चौकी के पास पौधारोपण भी किया. मुख्यमंत्री ने बांध में हजारों हाथों के साथ श्रमदान कर आश्वस्त किया कि रामगढ़ बांध के दिन फिर से फिरेंगे और बांध लबालब होगा.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में यदि कोई पहली आवश्यकता है तो वह पानी की आवश्यकता है. हमने जो पानी के लिए काम किया वह आमजन के सामने है. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही तमाम योजनाओं का खुलासा किया और आश्वस्त किया कि सभी काम समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएंगे. हम किसी एक जिले के लिए नहीं बल्कि पूरे राजस्थान को नदियों से जोड़ने का काम किया जा रहा है. रामगढ़ बांध को फिर से लबालब करने के लिए इतनी बड़ी संख्या में आए वह पूजनीय है. आज श्रमदान की शुरुआत हुई है और रामगढ़ बांध को पुनर्जीवित करेंगे. आपके पसीने से ही यहां अमृत की बूंद बहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राजस्थान में श्रमदान शुरू हो गया है. पिछले साल भी मानसून की मेहर से बांध लबालब हो गए और भूजल स्तर ऊपर आया था.
मुख्यमंत्री ने प्रवासी राजस्थानियों की तारीफ करते हुए कहा कि दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने उनके साथ मीटिंग करवाई. प्रवासी भाई राजस्थान के 45 हजार गांवों जल संचय का काम करेंगे. ट्यूबवेल लगाएंगे, ताकि पानी की बूंद-बूंद बचाई जा सके. इस तरह की चार बैठक हो चुकी है और अब काम भी चालू हो गया. मुंबई, सूरत, अहमदाबाद और राजस्थान के सीएमआर में बैठक हो चुकी है. प्रवासी भाई लगातार अपने परिश्रम का पैसा राजस्थान के गांव-ढाणी को देना चाहते हैं.
श्रमदान के दौरान संसदीय कार्यंत्री जोगाराम पटेल, जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेन्द्र सिंह, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, स्थानीय विधायक महेन्द्र पाल मीणा, विधायक बालमुकुंदाचार्य, कैलाश वर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे. इस दौरान राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक डा. गुलाब कोठारी ने भी अपने विचार रखे.