जयपुरः प्रदेश के शहरों में ऊंची सड़क और नीचे मकान की समस्या से जल्द निजात मिलेगी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की हिदायत पर हरकत में आए नगरीय विकास विभाग ने प्रदेश भर के शहरों में मिल एंड फिल नीति लागू करने के लिए परिपत्र जारी कर दिया है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा था कि डामर की परत दर परत चढ़ाने से भवनों का लेवल नीचे हो रहा है. इसके कारण आम लोगों को तो समस्या का सामना करना ही पड़ रहा है. बल्कि इससे प्राकृतिक संसाधनों का भी दुरूपयोग हो रहा है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की इस हिदायत पर नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया की ओर से प्रदेश भर के विकास प्राधिकरण,नगर सुधार न्यास, आवासन मंडल और जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को परिपत्र जारी किया गया है. इस परिपत्र में मिल एंड फिल नीति को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. आपको सबसे पहले बताते हैं कि वर्तमान में मिल एंड फिल तकनीक का उपयोग नहीं करने से किस तरह खामियाजा उठाना पड़ रहा है.
-सड़क नवीनीकरण कार्य में सड़क पर चढ़ी पुरानी परत पर ही नई परत चढ़ाई जा रही है
-परत दर परत चढ़ने से सड़कों का लेवल ऊंचा होता जा रहा है
-और सड़क से लगते भवनों का लेवल सड़क से नीचे होता जा रहा है
-इसके कारण बारिश के दौरान सड़कों में भरा पानी सीधे लोगों के मकान व दुकान आदि भवनों में भर रहा है
-इससे निजात पाने के लिए लोगों को अपने भवनों के प्रवेश द्वार पर दीवार बनानी पड़ती है
-या फिर सड़क के बराबर लेवल में लाने के लिए भवन में भरत करानी पड़ती है
-परत दर परत चढ़ाने से डामर जैसे प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी हो रही है
-लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता
-पुरानी डामर काम में नहीं लेने के चलते सड़क निर्माण की लागत अधिक रहती है
-लागत अधिक होने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंच रहा है
-वहीं डामर,रोड़ी व बजरी जैसे प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है
-जबकि केन्द्र सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर कई परिपत्र जारी किए गए हैं
-इन परिपत्रों में डामर की पुरानी परत उखाड़कर ही नई परत चढ़ाने के लिए कहा गया है
-इसके बावजूद प्रदेश के शहरों में जिम्मेदार अधिकतर निकाय डामर की परत पर परत चढ़ा रहे हैं
-यह समस्या शहरों के पुरानी बसावट वाले इलाकों में अधिक है
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आदेश पर नगरीय विकास विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया कि सड़क पर डामर की पुरानी परत को पहले मिलिंग तकनीक से उखाड़ा जाएगा. उसके बाद ही डामर की नई परत चढ़ाई जाएगी. पुरानी परत को रिसाइकल कर सड़क निर्माण में दुबारा काम में लिया जाएगा. डामर की पुरानी परत किन मामलों में उखाड़ी जाएगी और उस उखाड़े गए डामर का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर किस तरह किया जाएगा, इसको इस परिपत्र में विस्तार से बताया गया है
UDH के परिपत्र में दिए ये निर्देश
-ऐसी सड़क जो वर्तमान में काम में नही आ रही है, उन सड़कों पर बिछी डामर की परत को उखाड़ा जाएगा
-ऐसी सड़कें जिनका नवीनीकरण किया जाना है,उन पर चढ़ी डामर की पुरानी परत को पहले उखाड़ा जाएगा
-ऐसे स्थान जहां सड़क को पहले से ऊंचा किया जाना है, वहां डामर की पुरानी परत को पहले उखाड़ा जाएगा
-डामर की उखाड़ी पुरानी परत को रिसाइकल कर सड़क निर्माण में इसका उपयोग किया जाएगा
-विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट्स में कोल्ड मिलिंग व हॉट रिसाइकलिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा
-उखाड़ी डामर की रिसाइकलिंग के लिए हॉट मिक्स प्लांट को अपग्रेड किया जा सकता है
-उखाड़ी गई डामर जिसमें डामर व कंक्रीट दोनों होती है,उसे रिसाइकल कर दुबारा उपयोग की प्राथमिकता भी तय की गई
-इसके उपयोग की पहली प्राथमिकता सर्विस रोड का बेस तैयार करने में उपयोग की होनी चाहिए
-दूसरी प्राथमिकता मुख्य सड़क का बेस तैयार करने,तीसरी प्राथमिकता सर्विस रोड की ऊपरी परत बनाने में
-और चौथी प्राथमिकता मुख्य सड़क की ऊपरी परत बनाने में उपयोग की होनी चाहिए.