जयपुरः कांग्रेस जिला अध्यक्षों के चयन के लिए गुजरात मॉडल अब राजस्थान में भी लागू हो सकता है. अगर यह मॉडल राजस्थान में लागू होता है तो फिर यहां भी जिला अध्यक्षों का सिलेक्शन सीधे हाईकमान करेगा. जिला अध्यक्षों के चयन के लिए फिर दूसरे राज्यों को एआईसीसी पर्यवेक्षक बनाकर भेजेगी. गुजरात के बाद हरियाणा और मध्यप्रदेश में अब तक यह मॉडल लागू हो चुका है.
संगठन मजबूती की दिशा में कांग्रेस हाईकमान का इन दिनों पूरा फोकस मजबूत औऱ मेहनती जिला अध्यक्षों की फौज तैयार करने पर है. लिहाजा इसके लिए हाईकमान ने अपने स्तर पर अब जिला अध्यक्ष बनाने का फार्मूला ईजाद किया. गुजरात से आलाकमान ने इस एक्सपेरिमेंट्स का आगाज किया, जिसे गुजरात मॉडल कहा जाता है. गुजरात मॉडल के तहत हाईकमान ने पहले अपने स्तर पर दूसरे राज्य के नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा. पर्यवेक्षकों से हर जिले से सभी वर्गों से चर्चा करते हुए 3 से 5 नामों का पैनल बनाने के निर्देश दिए. गुजरात के बाद हरियाणा औऱ मध्यप्रदेश में भी यह मॉडल लागू किया गया. अब राहुल गांधी ने कल मध्यप्रदेश में संकेत दिए कि अन्य सभी राज्यों में भी इसे लागू किया जाएगा.
वहीं इन तीन राज्यों में लागू हुआ यह मॉडल अन्य स्टेट में शुरु करने पर संशय इसलिए है. क्योंकि पार्टी के कईं नेताओं ने राहुल गांधी को सलाह दी कि यह फार्मूला केवल उन्हीं राज्यों में लागू किया जाए,जहां संगठन बेहद कमजोर है. इन नेताओं ने तर्क दिए कि जिन स्टेट में कांग्रेस मजबूत है वहां पहले की तरह मनोनित करने का सिस्टम ही कंटिन्यू रखा जाए. लिहाजा उसको लेकर अभी भी पार्टी में विचार विमर्श जारी है. उधर सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी गुजरात मॉडल को हर स्टेट में लागू करना चाहते हैं. राहुल गांधी ने कल मध्यप्रदेश में इसे बाकी राज्यों में लागू करने का बयान देकर अपने इरादे भी साफ जाहिर कर दिए. राहुल गांधी के बयान के तो यही मायने है कि राजस्थान में भी यह मॉडल लागू हो सकता है.
राजस्थान में भी लागू होगा "गुजरात मॉडल"!
राजस्थान में भी अब हाईकमान खुद करेगा जिला अध्यक्षों का चयन
कल खुद राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में दिए इसके संकेत
कहा-गुजरात,एमपी और हरियाणा के बाद बाकी राज्यों में भी करेंगे इसको लागू
राहुल गांधी के बयान के बाद अब राजस्थान में भी गुजरात मॉडल लागू होने के आसार
हाईकमान दूसरे राज्यों के नेताओं को फिर लगाएगा राजस्थान में पर्यवेक्षक
पर्यवेक्षक जुटाएंगे जिलों से 3 से 5 दावेदारों के नाम
मॉडल अगर लागू हुआ तो जल्द पर्यवेक्षकों की होगी नियुक्ति
उधर राजस्थान में इस मॉडल के लागू होने और नहीं होने पर अभी प्रदेश नेतृत्व पूरी तरह से अनभिज्ञ है. प्रदेश नेतृत्व का कहना है कि हमारे पास अभी तो ऐसा कोई मैसेज नहीं है. साथ ही उनका भी मानना है कि यह फार्मूला औऱ मॉडल तो सिर्फ कमजोर संगठन वाले राज्यों के लिए हैं. स्टेट लीडरशिप औऱ प्रभारी तो अभी भी पहले की तरह जिला अध्यक्ष बनाने की बात कह रहे हैं. लेकिन राहुल गांधी के कल के बयान के बाद अब उन्होंने इस टॉपिक पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है.
कांग्रेस इस साल यानी 2025 को संगठन सृजन के रूप में मना रही है. इसके लिए पार्टी ने जिला अध्यक्षों को पावरफुल बनाने का बड़ा फैसला लिया है. हाईकमान ने बिना सिफारिश के निष्पक्षता औऱ पारदर्शिता के पैमाने पर जिला अध्यक्ष बनाने का यह मॉडल लागू किया है. जिला अध्यक्षों की सिफारिश पर फिर निकाय,पंचायत,विधानसभा और लोकसभा के टिकट भी बांटे जाएंगे. साथ ही पार्टी उनकी आर्थिक मदद भी करेगी. अब देखना है कि राहुल गांधी का यह मॉडल फ्यूचर में कांग्रेस को कितना मजबूती प्रदान करता है.