जैसलमेर : पाकिस्तान की नापाक साजिश को भारतीय सेना ने एक बार फिर करारा जवाब दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने पाकिस्तान के 413 ड्रोन हमलों को विफल करते हुए ऐसा पराक्रम दिखाया, जिसकी तस्वीरें अब खुद सेना ने देश के सामने रख दी हैं. भारतीय सेना ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राजस्थान सीमा पर पाकिस्तान से आए ड्रोन हमलों को मार गिराने के वीडियो जारी किए हैं. इन वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे भारतीय टैंक और कम दूरी की मिसाइल प्रणालियों की मदद से दुश्मन के ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया गया. टारगेट की पहचान के बाद कुछ ही सेकेंडों में ड्रोन टुकड़ों में तब्दील हो जाते हैं.
वीडियो के साथ सेना ने एक संदेश भी साझा किया है.खतरे आ सकते हैं, लेकिन कोई भी सीमा पार नहीं कर सकता." यह सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि भारत की अडिग सैन्य नीति का एलान है.बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर जिलों में पाकिस्तान ने एक के बाद एक 413 बार ड्रोन भेजकर भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की. ये ड्रोन सैन्य ठिकानों, संवेदनशील इलाकों और नागरिक क्षेत्रों की टोह लेने के मकसद से भेजे गए थे. लेकिन भारतीय वायुसेना, BSF और थल सेना की साझा रणनीति ने एक भी ड्रोन को ज़मीन पर नहीं उतरने दिया.फलोदी एयरबेस सहित कई ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, पर एयर डिफेंस सिस्टम ने हर बार खतरे को हवा में ही खत्म कर दिया. भारतीय सेना के एयर डिफेंस कोर (AAD) ने इस ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई. उनका आदर्श वाक्य – "आकाशे शत्रुं जहि" (आकाश में ही शत्रु को मारो) – अब सिर्फ एक नारा नहीं रहा, बल्कि जमीनी हकीकत बन चुका है.AAD का मुख्य काम 5,000 फीट से नीचे आने वाले किसी भी हवाई खतरे को समय रहते पहचानकर उसे निष्क्रिय करना है. इस कोर में लगभग 85,000 सैनिक और 6,000 से अधिक अधिकारी कार्यरत हैं, जो देश की वायु सीमा की रक्षा में लगे रहते हैं.
S-400 ने बनाई अभेद्य वायु सुरक्षा ढाल
पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद जब पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की गतिविधियां बढ़ीं, तब भारतीय सेना ने रूसी S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को राजस्थान सीमा पर सक्रिय किया.यह सिस्टम 400 किलोमीटर तक के लक्ष्य को ट्रैक और इंटरसेप्ट करने की क्षमता रखता है. इसमें मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग और सटीक निशाने की खूबियां हैं, जिससे किसी भी ड्रोन या मिसाइल के सफल हमले की संभावना शून्य हो जाती है.S-400 की वजह से ही इतने बड़े पैमाने पर हुए ड्रोन अटैक्स को बिना किसी नागरिक या सैन्य नुकसान के रोका जा सका.
सेना द्वारा जारी वीडियो महज विजुअल्स नहीं हैं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक संदेश भी हैं. भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देता, बल्कि पहले ही खतरे को खत्म कर देता है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे भारतीय सैनिक रडार से ट्रैक कर ड्रोन की दिशा पहचानते हैं, और फिर कुछ सेकंड के भीतर टैंक या मिसाइल लॉन्च कर उसे हवा में ही खत्म कर देते हैं. यह भारतीय टेक्नोलॉजी, प्रशिक्षण और तत्परता का सटीक उदाहरण है.