राज्यसभा में नियम 267 पर जगदीप धनखड़ की टिप्पणी, कहा- संसद संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का गढ़

राज्यसभा में नियम 267 पर जगदीप धनखड़ की टिप्पणी, कहा- संसद संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का गढ़

नई दिल्लीः राज्यसभा में नियम 267 पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद संवैधानिक,लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रताओं का गढ़ है. यदि व्यवधान,अशांति को राजनीतिक रणनीतिक हथियार बनाया जाता है. जैसा कि अभी किया गया है, तो लोकतंत्र को गंभीर खतरा होगा. 

पार्टियों के नेताओं से आत्म-मंथन करने का आह्वान करूंगा. कि नियम 267 के तहत तंत्र एक हास्यास्पद अभ्यास बन गया है. पिछले 36 वर्षों में नियम 267 को केवल 6 अवसरों पर अनुमति दी. हर दिन मुझे ऐसे कई अनुरोध मिलते है. इसे एक नियमित अभ्यास, एक आदत के रूप में लिया जा रहा है.