जयपुरः जयपुर देश का ऐसा पहला शहर बनने जा रहा है जो न केवल बिग कैट्स के बड़े ब्रीडिंग सेंटर के तौर पर अपनी पहचान बना रहा है बल्कि यहां बिग कैट फैमिली के तीन अपैक्स प्रिडेटर्स का सफारी में दीदार किया जा सकता है. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर 5 जून को जयपुर शहर की तीसरी लेपर्ड सफारी नाहरगढ़ में शुरू होने जा रही है. इसके साथ ही जयपुर तीन लेपर्ड सफारी, एक-एक टाइगर, लायन और हाथी सफारी वाला देश का पहला शहर बन जाएगा.
गुलाबी नगर यूं तो अपनी पुरा संपदा, धर्मस्थल और अद्भुत स्थापत्य के लिए पहचान रखता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में गुलाबी नगर 'सिटी वाइल्डलाइफ टूरिज्म' का नया हब बन गया है. सीसीएफ विजयपाल सिंह ने बताया कि राजधानी जयपुर में सबसे पहले वर्ष 2018 में 'प्रोजेक्ट लेपर्ड' के तहत झालाना में लेपर्ड सफारी शुरू की गई थी. यह सफारी आज दुनिया की सबसे लोकप्रिय लेपर्ड सफारी में से एक है. यहां करीब 45 लेपर्ड्स का विचारण है जिन्हें नाम से जाना जाता है और इन अर्बन लेपर्ड्स को वाइल्ड में देखने के 90 फ़ीसदी से ज्यादा अवसर होते हैं जो की सर्वाधिक हैं. इसके बाद कुंडा में हाथी सफारी शुरू हुई फिर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क क्षेत्र में लायन सफारी शुरू की गई. इसके बाद झालाना से सटे आमागढ़ वन क्षेत्र में 'आमागढ़ लेपर्ड सफारी' शुरू की गई जो तेजी से विकसित हो रही है. फिर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा में नाहरगढ़ में ही टाइगर सफारी का शुभारंभ किया. रेंजर रघुवेन्द्र सिंह राठौड़ का कहना है कि अब विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर 5 जून को नाहरगढ़ लेपर्ड सफारी शुरू किया जाना प्रस्तावित है जिसके लिए वाहनों के पंजीकरण का काम अंतिम चरण में है. नाहरगढ़ में शुरू होने जा रही लेपर्ड सफारी करीब 22 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में तैयार की गई है. इसमें करीब 19 किलोमीटर के चार सफारी ट्रैक है जो आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. यहां 20 से अधिक लेपर्ड्स का विचरण है. हायना, डेजर्ट फॉक्स, वाइल्ड बोर, सांभर, नीलगाय, बर्न आउल, ईगल आउल, कई तरह के रैपटर्स और अन्य पक्षी यहां देखे जा सकते हैं.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क बना बड़ा ब्रीडिंग सेंटर
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 28 प्रजातियों के 250 से अधिक वन्य जीव हैं. इनमें बाघ, शेर और लेपर्ड जैसे बिग कैट्स फैमिली के वन्य जीव शामिल हैं. इनके अलावा स्लॉथ बियर, एग्जॉटिक एनिमल्स में हिप फैमिली है. हायना, इंडियन वुल्फ, घड़ियाल, मगरमच्छ, ऊदबिलाव डियर फैमिली के सदस्य काफी संख्या में यहां पर हैं. एसीएफ देवेंद्र सिंह राठौड़ और रेंजर शुभम शर्मा का कहना है कि 27 अप्रैल को यहां रानी नाम की बाघिन ने एक सफेद शावक सहित कुल 5 शावकों को जन्म दिया था जो 27 मई को एक महीने के हो जाएंगे. इसी तरह तारा नाम की शेरनी ने दो शावकों को जन्म दिया था लेकिन दोनों की ही मृत्यु हो गई. इससे पहले झुमरी नाम की स्लॉथ बियर ने भी गौरी और गोपाल नाम के दो बच्चों को जन्म दिया. वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ अरविंद माथुर का कहना है कि अभी 2 दिन पहले ही मादा हिप्पो राजकुमारी ने एक बच्चे को जन्म दिया है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघ, शेर, स्लॉथ बियर, हिप्पो सहित दो दर्जन वन्य जीव सफलतापूर्वक ब्रीडिंग कर रहे हैं.