VIDEO: विवाह स्थलों के लिए राज्य सरकार का बड़ा मास्टर स्ट्रोक, शहरों में चल रहे अवैध विवाह स्थलों का हो सकेगा नियमन, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: प्रदेश भर के विवाह स्थलों के लिए राज्य सरकार ने एक मास्टर स्ट्रोक आदेश जारी किया है. इस आदेश से जहां शहरों में चल रहे अवैध विवाह स्थलों का नियमन हो सकेगा, वहीं निकायों की बंपर आय भी होगी और शहर में विभिन्न स्थानों पर नए विवाह स्थल विकसित किए जा सकेंगे. आखिर क्या है राज्य सरकार का ये मास्टर स्ट्रोक आदेश और कैसे संभव हो पाएगा यह सब? 

प्रदेश के शहरों में बड़ी संख्या में अवैध रूप से विवाह स्थल संचालित किए जा रहे हैं. इनमें कई विवाह स्थल आवासीय,औद्योगिक,सार्वजनिक एंव अर्द्ध सार्वजनिक,परिधि नियंत्रण क्षेत्र आदि लैंड यूज वाले स्थानों पर चल रहे हैं. नगर निगम,नगर पालिका और नगर परिषद की ओर उनके क्षेत्रों में चलने वाले विवाह स्थलों को लाइसेंस तो दिया जाता है, लेकिन इनमें से अधिकतर विवाह स्थलों के पास इस लैंड यूज के अनुसार भूमि का पट्टा नहीं हैं. निकाय की ओर से कई ऐसे विवाह स्थलों को भी लाइसेंस दिया जाता रहा है जो कृषि भूमि पर चल रहे हैं. अब तक मास्टर प्लान में दर्शाई कमर्शियल लैंड यूज की भूमि पर ही संचालित विवाह स्थल का पट्टा जारी किया जा सकता था. लेकिन अब इस मामले में राज्य सरकार की ओर से एक मास्टर स्ट्रोक आदेश जारी किया गया है. 

-प्रदेश के शहरों में अधिकतर विवाह स्थल कृषि भूमि,आवासीय भूमि का अन्य भू उपयोग की भूमि पर चल रहे हैं
-जिस भूमि पर विवाह स्थल चल रहे हैं, उस भूमि का पट्टा देने के लिए आवश्यक है उस भूमि का लैंड यूज चेंज व्यावसायिक हो
-लेकिन अब राज्य सरकार ने वर्तमान में चल रहे विवाह स्थलों के नियमन, निकायों का राजस्व बढ़ाने और
-शहर में विभिन्न स्थानों पर और नए विवाह स्थल विकसित करने के लिहाज से मास्टर स्ट्रोक आदेश जारी किया है
-नगरीय विकास विभाग की ओर से जारी आदेश में प्रदेश भर के शहरों में लागू डवलपमेंट एंड प्रमोशन कंट्रोल रेगलेशन्स में नए प्रावधान जोड़े गए हैं
-इन प्रावधानों के तहत मास्टर प्लान के विभिन्न लैंड यूज में विवाह स्थल संचालित किया जा सकेगा
-बड़े व छोटे शहरों में निर्धारित सड़क की चौड़ाई और निर्धारित आकार के भूखंड पर विवाह स्थल संचालित किया जा सकेगा
-पहले जो विवाह स्थल केवल कमर्शियल लैंड यूज वाली भूमि पर ही संचालित हो सकते अब उन्हें अन्य लैंड यूज के लिए भी अलाऊ कर दिया गया है

नगरीय विकास विभाग की ओर जारी इस मास्टर स्ट्रोक आदेश के तहत अब आवासीय, औद्योगिक, सार्वजनिक व अर्द्ध सार्वजनिक सुविधाएं लैंड यूज और परिधि नियंत्रण क्षेत्र और  हाईवे कंट्रोल बैल्ट में भी विवाह स्थल व बैंक्वेट हॉल संचालित किए जा सकेंगे. किस लैंड यूज में कितनी चौड़ी सड़क पर विवाह स्थल कानूनी तौर पर संचालित किया जा सकेगा, 

-न्यूनतम 5 हजार वर्गमीटर आवासीय लैंड यूज वाली भूमि पर बड़े शहरों में न्यूनतम सौ फीट चौड़ी सड़क
-और मध्यम व छोटे शहरों में न्यूनतम अस्सी फीट चौड़ी सड़क पर विवाह स्थल संचालित किया जा सकेगा
-न्यूनतम 5 हजार वर्गमीटर औद्योगिक लैंड यूज वाली भूमि पर बड़े शहरों में न्यूनतम अस्सी फीट चौड़ी सड़क
-और मध्यम व छोटे शहरों में न्यूनतम अस्सी फीट चौड़ी सड़क पर विवाह स्थल संचालित किया जा सकेगा
-न्यूनतम 5 हजार वर्गमीटर सार्वजनिक एवं अर्द्ध सार्वजनिक सुविधाएं लैंड यूज वाली भूमि पर बड़े शहरों में न्यूनतम अस्सी फीट चौड़ी सड़क
-और मध्यम व छोटे शहरों में न्यूनतम साठ फीट चौड़ी सड़क पर विवाह स्थल संचालित किया जा सकेगा
-शहरों के परिधि नियंत्रण क्षेत्र में न्यूनतम 8 हजार वर्गमीटर  भूमि पर बड़े शहरों में न्यूनतम साठ फीट चौड़ी सड़क
-और मध्यम व छोटे शहरों में  भी न्यूनतम साठ फीट चौड़ी सड़क पर विवाह स्थल संचालित किया जा सकेगा
-हाईवे कंट्रोल बैल्ट में न्यूनतम 5 हजार वर्गमीटर  भूमि पर बड़े शहरों में न्यूनतम अस्सी फीट चौड़ी सड़क
-और मध्यम व छोटे शहरों में न्यूनतम साठ फीट चौड़ी सड़क पर विवाह स्थल संचालित किया जा सकेगा

एक लाख से अधिक आबादी के शहरों को बड़े शहरों की श्रेणी में शामिल किया गया है. जबकि इससे कम आबादी के शहरों को मध्यम व छोटे शहरों की श्रेणी में शामिल किया गया है.

विवाह स्थल व बैक्वेंट हॉल को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी इस मास्टर स्ट्रोक आदेश से प्रदेश भर के शहरों में अवैध रूप से चल रहे विवाह स्थलों को निर्धारित सड़क की चौड़ाई और भूमि के निर्धारित आकार का मापदंड पूरा करने पट्टा मिल सकेगा. साथ ही नए प्रावधानों के तहत शहर में नए स्थानों पर पर विवाह स्थल  विकसित किए जा सकेंगे. आपको बताते हैं कि राज्य सरकार का यह मास्टर स्ट्रोक किस तरह से बहुआयामी लाभकारी साबित होगा.

-शहरों में वर्तमान में अवैध संचालित विवाह स्थलों के नियमन से संबंधित शहरी निकायों को बंपर आय होगी
-भूमि का पट्टा जारी करने पर भी निकायों को शुल्क मिलेगा
-मौजूदा विवाह स्थलों के साथ ही नए विवाह स्थल विकसित होने का रास्ता खुल सकेगा
-विभिन्न स्थानों पर पहले से अधिक विवाह स्थल होने पर सावों के समय चुनिंदा सड़कों या इलाकों में वाहनों का जाम नहीं लगेगा
-विभिन्न स्थानों पर विवाह स्थल होने से यातायात क्षेत्रवार विभाजित होगा इससे यातायात सुगम होगा
-विशेषज्ञों के अनुसार विवाह स्थल में अधिकतर स्थान खुला हरियाला वाला होता है
-इससे शहर के ग्रीन एरिया में बढ़ोतरी होगी
-विवाह स्थल में भवन विनियमों के मुताबिक पार्किंग व अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की शर्त पर पट्टा जारी किया जाएगा
-ऐसे में विवाह स्थल संचालक पार्किंग व अन्य मापदंडों की पालना करने के लिए पाबंद होंगे
-निर्धारित मापदंड पूरा नहीं करने वाले विवाह स्थलों के खिलाफ निकाय उन्हें सील करने जैसी नियमानुसार कार्रवाई कर सकेंगे
-वर्तमान में कम चौड़ी सड़क पर खुले विवाह स्थलों के कारण यातायात जाम की समस्या से लोगों को राहत मिलेगी