श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह, सीएम भजनलाल बोले- मंदिर केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की आत्मा

चित्तौड़गढ़ {पीके अग्रवाल}: राजस्थान में धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोने की दिशा में एक और ऐतिहासिक पहल की गई है. चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया स्थित श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में भव्य मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के सतत विकास और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया.

मातृकुंडिया में श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का भव्य स्वागत, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति
मुख्यमंत्री ने कहा- मंदिर केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की आत्मा
मेवाड़ के हरिद्वार’ मातृकुंडिया को आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनाने पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘विकास भी और विरासत भी’ की अवधारणा साकार
राज्य सरकार धार्मिक धरोहरों के संरक्षण व आध्यात्मिक विकास के लिए प्रतिबद्ध
किसानों को दिन में बिजली, जल संसाधनों के विकास पर सरकार का विशेष फोकस
युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार ने 4 लाख सरकारी नौकरियों का लक्ष्य रखा
मंदिरों ने भारतीय परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाई
आस्था और संस्कृति के संगम से मातृकुंडिया को आध्यात्मिक केंद्र के रूप में पहचान

चित्तौड़गढ़ की ऐतिहासिक धरती पर श्रद्धा और आस्था का भव्य संगम देखने को मिला, जहां सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह विधिपूर्वक संपन्न हुआ. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मंदिर केवल आस्था के केंद्र नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति की आत्मा हैं. सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत है.

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए सरकार समर्पितः
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मेवाड़ की धरती केवल वीरता की पहचान ही नहीं, बल्कि भक्ति और अध्यात्म का केंद्र भी रही है. उन्होंने मातृकुंडिया को "मेवाड़ के हरिद्वार" की संज्ञा देते हुए इसे एक प्रमुख आस्था केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में "विकास भी, विरासत भी" की संकल्पना को साकार किया जा रहा है. प्रदेश में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए सरकार पूर्ण रूप से समर्पित है.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों और युवाओं के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने और जल संसाधनों के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने यह भी बताया कि किसानों के सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई हैं और जल एवं बिजली की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है. 

पशुपतिनाथ महादेव मंदिर आध्यात्मिक केंद्र के रूप में होगा विकसितः
इस कार्यक्रम में सांसद सीपी जोशी समेत कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. उन्होंने सरकार द्वारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रयासों की सराहना की. साथ ही, मंच से मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न विकास कार्यों की मांग रखते हुए पहले बजट में की गई घोषणाओं के लिए आभार भी जताया. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि भविष्य में श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित होगा और सरकार का यह प्रयास सराहनीय है. इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को हेलीकॉप्टर से मातृकुंडिया स्थित अस्थायी हेलीपैड पर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, सहकारिता मंत्री गौतम दक, सांसद सीपी जोशी, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, विधायक डॉ. सुरेश धाकड़, विधायक अर्जुनलाल जीनगर, जिला कलेक्टर आलोक रंजन और पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी सहित कई जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने अगवानी की, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गणमान्य नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार प्रदेश में सर्वांगीण विकास एवं आध्यात्मिक समृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रही है. क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की और गर्मजोशी से उनका स्वागत किया.