जयपुर: एसएमएस अस्पताल के विकल्प के रूप में RUHS को विकसित करने की सीएम भजनलाल शर्मा की मंशा अब साकार होती दिखाई दे रही है.पिछले दिनों सीएम की नाराजगी और सख्त एक्शन के बाद जिस तरह से सिस्टम ने काम करना शुरू किया, उसका परिणाम है कि अस्पताल में सेवाओं के विस्तार के साथ ही मरीजों का विश्वास भी बढ़ने लगा है. अस्पताल में ओपीडी से लेकर आईपीडी में मरीजों की संख्या में दोगुना से अधिक की बढ़ोत्तरी देखी गई है. भजनलाल सरकार की मंशा है कि एसएमएस अस्पताल में मरीजों के बढ़ते भार को कम करने के लिए आरयूएचएस को मेडिकल इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित किया जाए.इस सोच को धरातल पर उतारने के लिए पिछले बजट में RUHS को रिम्स में तब्दील करने की महत्वपूर्ण घोषणा की गई.लेकिन एक साल से अधिक समय बीतने के बावजूद RUHS प्रशासन न तो सुविधाएं विकसित कर पाया और न ही जरूरत के हिसाब से भर्तियों को अंतिम रूप दिया जा सका है.
पिछले दिनों अस्पताल के कुप्रबन्धन को लेकर सीएम ने गहरी नाराजगी जताई, जिसके बाद हरकत में आए पूरे सिस्टम ने व्यवस्थाओं में सुधार और चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर फोकस शुरू कर दिया है.नतीजा ये रहा है कि जैसे ही अस्पताल में बरसों से धूल फांक रहे ऑपरेशन थियेटर काम करने शुरू हुए तो एकाएक मरीजों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखी जाने लगी है.अस्पताल के रिकॉर्ड को देखे तो अब रोजाना दो हजार से अधिक मरीज अस्पताल में ओपीडी में परामर्श लेने पहुंच रहे है, जबकि आईपीडी की संख्या ने दोगुना से अधिक की बढ़ोत्तरी कर दौ सौ का आंकड़ा छू लिया है.मरीजों के बढ़ते विश्वास पर अस्पताल प्रशासन भी काफी उत्साहित है.प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में जल्द ही फेजवार सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, ताकि मरीजों को बेहतर ट्रीटमेंट मिल सके.
आरयूएचएस : AT-A-GLANCE:
- अस्पताल में आरयूएचएस की कार्यरत फैकल्टी - 18
- एसएमएस अस्पताल से डेपुटेशन पर आई फैकल्टी - 42
- अस्पताल में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर - 23
- अस्पताल में कार्यरत सीनियर रेजीडेंट - 59
एसएमएस से रोटेशन पर एक-एक महिने के लिए आ रही यूनिटें:
-जनरल सर्जरी
-मेडिसिन
-गायनी
-ऑथोपैडिक
-पिडियाट्रिक
कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और इमरजेंसी की सेवाएं भी पिछले दिनों की गई शुरू
यूं बढ़ता जा रहा मरीजों का विश्वास:
माह | ओपीडी | आईपीडी |
जनवरी 2025 | 1024 | 41625 |
फरवरी 2025 | 1077 | 44173 |
मार्च 2025 | 1262 | 45608 |
अप्रेल 2025 | 1414 | 43395 |
अस्पताल में किए गए वे कार्य, जिससे बढ़ा मरीजों का विश्वास:
- अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी की सेवा, स्पेशिलिटी चिकित्सकों की उपस्थिति
- इमरजेंसी में ऑथोपेडिक, मेडिसिन और सर्जरी के चिकित्सकों की हर समय कंसलटेंसी
- पहले सिर्फ तीन ओटी संचालित, जिन्हें बढ़ाकर किया गया दस, सभी ओपीटी फंग्शनल होने से रोजाना हो रही दस से 15 सर्जरी
- पूरे अस्पताल के लिए सिंगल रजिस्ट्रेशन काउंटर की शुरूआत, मरीजों को भटकने की नहीं जरूरत
- पूरे अस्पताल में सेवाओं से जुड़ी हर सूचना के लिए लगाए गए साइनेज बोर्ड
- हाल ही में एंजियोग्राफी-एंजियोप्लास्टी की सेवा शुरू, आसपास के हृदय रोगियों को लिए निशुल्क उपचार की सौगात
- अस्पताल में निर्बाध बिजली आपूर्ति, बैठने की व्यवस्था और पीने के पानी के लिए विशेष इंतजाम
आरयूएचएस अस्पताल में भले ही सेवाओं के विस्तार पर तेजी से काम शुरू किया गया हो, लेकिन मौजूदा जरूरत के हिसाब से काफी काम होना अभी शेष है.फिलहाल एसएमएस अस्पताल की फैकल्टी के भरोसे ही अस्पताल को चलाया जा रहा है.ऐसे में सभी का एकस्वर में मानना है कि यदि इस अस्पताल को एसएमएस के विकल्प के रूप में खड़ा करना है, तो सबसे जरूरी होगा कि चिकित्सक व अन्य स्टॉफ की नियमित नियुक्ति की जाए.इसके साथ ही स्पेशिलिटी और सुपर स्पेशिलिटी की सेवाओं के लिए जरूरी संसाधन लगाए जाए.इस बारे में आरयूएचएस के कुलगुरू प्रो प्रमोद येवले का कहना है कि जल्द ही रिम्स का एक्ट फाइनल हो जाएगा.इसके बाद ही नियमानुसार फैकल्टी व अन्य स्टॉफ की भर्ती करके इंस्टीट्यूट को खड़ा किया जाएगा.