कपासन में गड़बड़ झाला ! लाइसेंस प्रोम खाद का बनाया जा रहा भूमि सुधारक, देखिए खास रिपोर्ट

चित्तौड़गढ़ {पीके अग्रवाल}: चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन क्षेत्र में कृषि विभाग की सख्ती का एक और नमूना सामने आया है. सिद्धि विनायक प्राइम एंड केमिकल प्राइवेट लिमिटेड में प्रोम खाद के नाम पर भूमि सुधारक पदार्थ का उत्पादन किया जा रहा था. कृषि विभाग की जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर करीब 10 हजार से अधिक थैलों को सीज किया है. यह कार्रवाई उर्वरक नियंत्रण आदेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत की गई है. सरकार कृषि क्षेत्र में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है.

चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन क्षेत्र में सिंहपुर टोल प्लाजा के नजदीक स्थित सिद्धि विनायक प्राइम एंड केमिकल प्राइवेट लिमिटेड की जांच कृषि विभाग की टीम ने की. इस फैक्ट्री को 2018 में प्रोम खाद बनाने का लाइसेंस मिला हुआ था. प्रोम खाद, जो फास्फोरस युक्त जैविक खाद होती है, किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है. लेकिन जांच के दौरान पाया गया कि इस फैक्ट्री में प्रोम खाद के बजाय भूमि सुधारक पदार्थ और एग्रोटेक के पैकेट भारी मात्रा में बनाए जा रहे थे. करीब 9 हजार से अधिक थैले मिले, जिनमें रॉक फास्फेट, जिप्सम, डोलोमाइट, बेंटोनाइट और बायो कोक जैसे पदार्थ भरे थे.  फैक्ट्री संचालक जगदीश चंद्र गदिया से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रोम खाद की डिमांड नहीं है, इसलिए वे भूमि सुधारक बना रहे हैं. लेकिन कृषि विभाग ने स्पष्ट किया कि लाइसेंस के दायरे के बाहर यह उत्पादन गैरकानूनी है और विभाग इस गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगा.  इस जांच के दौरान कृषि विभाग की टीम ने उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत कार्रवाई करते हुए सभी थैलों को सीज कर दिया.

सिद्धिविनायक प्राइम एंड केमिकल्स
प्रोम खाद का लाइसेंस 2018 से सक्रिय
लेकिन उत्पादन में भूमि सुधारक पदार्थ अधिक
पाए गए 8,940 थैले बायो स्टिमुलेटर के
1,858 थैले भूमि सुधारक के
फैक्ट्री परिसर में मिले रॉक फॉस्फेट, जिप्सम, डोलोमाइट आदि
कृषि विभाग ने की उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत कार्रवाई
जांच टीम: संयुक्त निदेशक कृषि, उपनिदेशक उद्यान, कृषि विस्तार अधिकारी और अन्य

कार्रवाई के प्रभाव-
राज्य सरकार का कृषि क्षेत्र में गुणवत्ता नियंत्रण कड़ा
किसानों को मिलेगी मानक खादें
गैरकानूनी उत्पादन पर कड़ी नज़र
कृषि विभाग का संकल्प - पारदर्शिता और नियमों का सख्त पालन

यह मामला स्पष्ट करता है कि सरकार और कृषि विभाग किसी भी प्रकार के दुरुपयोग को सहन नहीं करेंगे. प्रदेश में खाद उत्पादन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए नियमित जांच और कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी. किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली खाद मिल सके, इसके लिए विभाग लगातार सतर्क है. सिद्धि विनायक प्राइम एंड केमिकल प्राइवेट लिमिटेड की यह जांच सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो कृषि क्षेत्र में नियमों के पालन को सुनिश्चित करती है. 

सिद्धि विनायक प्राइम एंड केमिकल्स में प्रोम खाद के नाम पर भूमि सुधारक उत्पादन
2018 से जारी है प्रोम खाद का लाइसेंस लेकिन भूमि सुधारक की भारी मात्रा मिली
9 हजार से अधिक थैले सीज, कृषि विभाग ने उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत कार्रवाई की
फैक्ट्री में रॉक फॉस्फेट, जिप्सम, डोलोमाइट, बेंटोनाइट और बायो कोक जैसे पदार्थ पाए
फैक्ट्री संचालक ने डिमांड नहीं होने की बात कही, विभाग ने इसे बताया गैरकानूनी
राज्य सरकार की नीति है किसानों को गुणवत्ता और पारदर्शिता खाद मुहैया कराना
कृषि विभाग की कार्रवाई से स्पष्ट संदेश - नियमों की पूरी कड़ाई से पालना जरूरी