VIDEO:  ट्रंप टैरिफ से बढ़ेगा टूरिज्म! घरेलू सैलानी भारत में ही तलाश सकते विकल्प, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर 26% का टैरिफ लगाने का निर्णय भारतीय व्यापारियों के लिए एक चुनौती बनकर उभरा है, हालांकि बड़े हुए ट्रैफिक टैरिफ को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है लेकिन इसका व्यापक असर अंतरराष्ट्रीय बाजार पर दिखाई दे रहा है. खासतौर पर राजस्थान के कपड़ा और ज्वेलरी उद्योग पर इसका सीधा असर पड़ेगा. व्यापार की कमाई में गिरावट और खर्च की क्षमता पर असर पड़ने की संभावना है, लेकिन हर चुनौती के साथ एक नया अवसर भी पैदा होता है. इस परिस्थिति में भारतीय पर्यटन उद्योग को कुछ अहम लाभ मिल सकते हैं, जो आने वाले समय में इसे एक नई दिशा दे सकते हैं. 

जब विदेश यात्रा महंगी हो जाती है, तो लोग अपने ही देश में यात्रा करने की ओर आकर्षित होते हैं. अब, अमेरिकी टैरिफ के कारण जो विदेशी यात्राएं महंगी हो सकती हैं, भारतीय नागरिकों के लिए अपने ही देश में यात्रा करने का विकल्प अधिक आकर्षक हो सकता है. विशेषकर उन लोगों के लिए जो पहले विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे थे, भारत के भीतर यात्रा करना एक किफायती और रोमांचक विकल्प बन सकता है. राजस्थान, केरल, हिमाचल प्रदेश और उत्तर-पूर्वी भारत जैसे राज्य अपनी अनोखी संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां के हेरिटेज होटल, पर्वतीय स्थल, धार्मिक केंद्र और एक्वाटिक पर्यटन स्थलों का आकर्षण घरेलू पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है. इसके अलावा, वेलनेस टूरिज्म (स्वास्थ्य और आराम से जुड़ा पर्यटन) और इको-फ्रेंडली टूरिज्म का रुझान भी बढ़ता जा रहा है, जिससे भारतीय पर्यटन को एक नई दिशा मिल सकती है.

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण भारतीय उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं, लेकिन इसके साथ ही भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो सकता है. इससे विदेशी पर्यटकों के लिए यात्रा करना सस्ता हो सकता है. उदाहरण के तौर पर, अमेरिका से भारत आने वाले पर्यटकों को भारत में खर्च करने पर ज्यादा मूल्य प्राप्त हो सकता है, क्योंकि रुपया उनकी मुद्रा के मुकाबले सस्ता है. भारत सरकार द्वारा पेश की गई ई-वीजा सुविधा भी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है. यह प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक होने के कारण विदेशी पर्यटक बिना किसी बड़ी परेशानी के भारत यात्रा की योजना बना सकते हैं.

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन में वृद्धि:
भारत का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर दुनिया भर में प्रसिद्ध है. गोल्डन ट्रायंगल (दिल्ली-आगरा-जयपुर), वाराणसी, ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थल, साथ ही समुद्र तटों के रूप में गोवा और अंडमान जैसी जगहें विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हो सकती हैं. खासतौर पर, उत्तर भारत के आध्यात्मिक स्थल और दक्षिण भारत के ऐतिहासिक मंदिर विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींच सकते हैं.

सिर्फ पर्यटन नहीं, बल्कि भारतीय आतिथ्य का प्रचार:
भारतीय पर्यटन उद्योग को अपनी मार्केटिंग रणनीति को और मजबूत करना होगा. भारतीय हस्पिटैलिटी, स्वादिष्ट भारतीय खानपान, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहसिक पर्यटन को प्रमोट करने से भारत को एक सालभर घूमने लायक डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जा सकता है. विदेशी पर्यटकों के लिए यह भारत में सस्ते और अद्भुत अनुभवों की तलाश करने का एक बेहतरीन समय हो सकता है.  इस समय भारतीय पर्यटन उद्योग के लिए यह सही समय है कि वह अपने व्यवसाय को पुनः आकार दे, नई योजनाओं को लागू करें और भारतीय पर्यटन को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करें. घरेलू और विदेशी दोनों तरह के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सामूहिक प्रयास और सहयोग से भारत अपने पर्यटन क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि देख सकता है.