विश्व पर्यावरण दिवस, इस वर्ष की वैश्विक थीम 'प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं', देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुख्य अतिथि होंगे. कार्यक्रम के दौरान भजनलाल शर्मा पर्यावरण संरक्षण और वन संरक्षण को लेकर प्रदेशवासियों को कई सौगातें देंगे. राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सुबह 10:30 बजे कार्यक्रम का आयोजन होगा. 

पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिए कार्रवाई को बढ़ावा देने का एक वैश्विक मंच है. प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहल पर वर्ष 1972  से मनाया जा रहा है. इस वर्ष की वैश्विक थीम "प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं" (Ending Plastic Pollution) है. राजस्थान राज्य भी पर्यावरण क्षरण और इसके संरक्षण के संबंध में नागरिकों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस मनाता है. इस वर्ष, राज्य के सभी जिलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें पर्यावरण दौड़, प्रशिक्षण कार्यशालाएँ, रैलियाँ आदि गतिविधियाँ शामिल हैं. विश्व पर्यावरण दिवस के लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन RIC में सुबह 10.30 बजे से होगा. इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मुख्य अतिथि होंगे और कार्यक्रम की अध्यक्षता वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन संजय शर्मा करेंगे. कार्यक्रम में मुख्य सचिव  सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा, वन विभाग के हॉफ अरिजीत बनर्जी, प्रदूषण मंडल के सदस्य सचिव शारदा प्रताप सिंह भी मौजूद रहेंगे. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रदूषण मंडल की अध्यक्ष अपर्णा अरोड़ा ने बताया कि कार्यक्रम में पर्यावरण से जुड़े प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जैसे प्लास्टिक कचरा, ई-कचरा, सर्कुलर इकोनॉमी, उत्सर्जन व्यापार और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन योजना.

1. पौधारोपण: अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा करेंगे, जो इस अवसर पर पौधारोपण भी करेंगे. उनके साथ वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन संजय शर्मा, मुख्य सचिव सुधांश पंत और अन्य विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे.

2. ई-वेस्ट संग्रहण अभियान: मुख्यमंत्री द्वारा संग्रहण वाहनों को हरी झंडी दिखाकर ई-वेस्ट संग्रहण अभियान शुरू किया जाएगा. यह अभियान ई-वेस्ट के निपटान को बढ़ावा देने के लिए 5 जून से 10 जुलाई, 2025 तक राज्य के सात संभागीय मुख्यालयों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में चलाया जाएगा.

3. प्रदर्शनी: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जाएगा. इसमें पर्यावरण से जुड़े कई विषयों को कवर करने वाले मॉडल और चित्रात्मक प्रदर्शन होंगे, जैसे:
• प्लास्टिक का कम से कम उपयोग और पुनः चक्रण
• सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प को प्रोत्साहन
• औद्योगिक और नगरीय प्रदूषित जल का उपचार
• जल संरक्षण एवं पुनः चक्रण
• ग्रीन बिल्डिंग्स
• खतरनाक कचरे का उचित प्रबंधन (कचरे से ऊर्जा उत्पादन सहित)
• पर्यावरण स्थिरता के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप्स

4. सीईटीपी, सांगानेर: सांगानेर में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी), जो कपड़ा उद्योगों के कारण होने वाले जल प्रदूषण से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, का नवीनीकरण और उन्नयन किया गया है. माननीय मुख्यमंत्री विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उन्नत सीईटीपी राज्य को समर्पित करेंगे.

5. राज्य के सरकारी अस्पतालों में 6 एसटीपी का उद्घाटन: अस्पतालों से निकलने वाले संक्रामक अपशिष्ट जल के उपचार के लिए, राजस्थान के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में छह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाए गए हैं. इन एसटीपी का उद्घाटन भी कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा:-
1) सवाई मान सिंह अस्पताल, जयपुर
2) एसआरजी अस्पताल, झालावाड़
3) उम्मेद अस्पताल, जोधपुर
4) कमला नेहरू अस्पताल, जोधपुर
5) मथुरा दास माथुर अस्पताल (एमडीएम), जोधपुर
6) जनाना अस्पताल, अजमेर

6. शहरी स्थानीय निकायों को वाटर स्प्रिंकलर और मैकेनिकल स्वीपर के लिए धनराशि का वितरण: माननीय मुख्यमंत्री वाटर स्प्रिंकलर और मैकेनिकल स्वीपर की खरीद के लिए 54 नगरीय स्थानीय निकायों (यूएलबी) के मध्य 13.5 करोड़ रुपए की धनराशि वितरित करेंगे. ये मशीनें सड़कों की सफाई और धूल नियंत्रण में सहायता करेंगी, जो शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है. कार्यक्रम के दौरान, राजस्थान के मुख्यमंत्री अन्य व्यक्तियों के साथ सर्कुलर इकोनॉमी प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ करेंगे तथा अनुपालन करने वाले उद्योगों के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सहमति के स्वतः नवीनीकरण की घोषणा करेंगे. इसके साथ ही, निम्नलिखित नवाचारों के कार्यान्वयन के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे:
• उत्सर्जन व्यापार योजना( Emission Trading Scheme)
• जलवायु परिवर्तन अनुकूलन योजना - 2030 ( Climate Change Adaptation Plan-2030)
• अलवर और भिवाड़ी में वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (Early Warning System) 

इन विज्ञप्तियों और एमओयू का उद्देश्य सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ाना, विभिन्न सरकारी विभागों को संवेदनशील बनाना और बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्रवाई में तेजी लाना है. इस कार्यक्रम में राज्य भर से 600 से अधिक औद्योगिक प्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के अधिकारीगण शामिल होंगे.