बात जोड़ बीड़ आवासीय योजना की, लोगों के उत्साह को देखते हुए बढ़ाई आवेदन की आखिरी तिथि, देखिए खास रिपोर्ट

बीकानेरः बीकानेर में बीडीए की जोड़ बीड़ आवासीय योजना ने लोगों का ध्यान खींचा है. मध्यम और उच्च आय वर्ग के लिए प्रस्तावित इस योजना में लोगों का उत्साह देखने को मिल रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए BDA ने आवेदन की आखरी तिथि भी बढ़ा दी है. योजना को मॉडल प्रोजेक्ट बनाने की दिशा में ले जाने के लिए अपर्णा गुप्ता और पूरी टीम जुटी हुई है.

कुछ महीने पहले बीकानेर UIT को बीकानेर विकास प्राधिकरण में तब्दील किया गया था उसके बाद से ही लगातार कोशिशों रही है कि इस शहर में विकास के काम हो. इसी के तहत भजनलाल सरकार की बजट घोषणा पर अमल करते हुए एक आवासीय योजना निकाली गई है. हालाँकि UIT की आवासीय योजनाओं को लेकर लोग बहुत ज़्यादा लोग संतुष्ट नहीं रहे लेकिन विकास प्राधिकरण की आयुक्त अपर्णा गुप्ता कहती है कि हमारी कोशिश है कि ये मॉडल आवास योजना बने. योजना में कुल 1600 भूखंड मध्यम और उच्च आय वर्ग के लिए प्रस्तावित किए गए हैं, और आवेदन करने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है

योजना को लेकर आकर्षण:
- जयपुर जोधपुर हाईवे पर स्थित ,शहर के नजदीक 

-कैमल फ़ार्म, अच्छी स्कूल्स सहित कई सुविधाएं पास 

- पाँच साइज के प्लॉट , MIG के लिए 30 #50 माप के प्लाट से शुरू 

-HIG के लिए 40#70 साइज के प्लॉट उपलब्ध 

BDC अपर्णा गुप्ता कहती है कि हमारी कोशिश है कि ये योजना BDA की एक मॉडल आवासीय योजना बने. हर दृष्टिकोण से इसे लोगों के लिए अनुकूल बनाया जा रहा है — और BDA का स्थायी ऑफिस भी इसी योजना में स्थापित किया जाएगा

लोगों के उत्साह को देखते हुए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है. योजना के प्रति लोगों के रुझान का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक 3000 से ज़्यादा आवेदन फॉर्म बिक चुके हैं. BDA के सचिव कुलराज मीना कहते है कि योजना को लेकर लोगों की रुचि काफी अच्छी है. हम पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से इसे सफल बनाना चाहते हैं और जोड़ बीड़ योजना BDA की प्रमुख योजनाओं में से एक साबित होगी. योजना की गुणवत्ता और समयबद्धता को लेकर BDC के निर्देशन में  की पूरी टीम मैदान में जुटी है. हर पहलू को सुनियोजित ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है. 

उम्मीद की जा रही है कि बीकानेर की जोड़ बीड़ योजना सिर्फ़ एक आवासीय योजना नहीं, बल्कि शहर के विकास की एक नई दिशा देने वाली साबित होगी. अब देखना होगा कि ये योजना ज़मीनी स्तर पर क्या वाक़ई एक आदर्श योजना का मूर्त रूप ले पाएगी.