जयपुर: बीजेपी का "संकल्प से सिद्धि" अभियान जोर शोर से शुरू होगा. अभियान के जरिए मोदी सरकार की 11 साल की उपलब्धियों को जन जन के बीच बताया जाएगा. राजस्थान बीजेपी संगोष्ठी,प्रेस वार्ता और कार्यशालाओं का आयोजन करेगी . बीजेपी के प्रमुख नेता और वक्ता अलग जिलों में जाकर अपनी बात रखेंगे . 9 जून से शुरू होगा अभियान.
बीजेपी के संकल्प से सिद्धि महाअभियान का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों और जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना. यह अभियान 9 जून से शुरू होगा. राजस्थान बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है. सीएम भजन लाल शर्मा कार्यशाला के जरिए प्रत्येक नेता से आह्वान कर चुके है. कार्यकर्ताओ से कहा है कि वे मोदी सरकार की शानदार उपलब्धियों को आम जन तक लेकर जाएंगे.
--बीजेपी का संकल्प सिद्धि अभियान ---
मोदी सरकार की 11 सालों की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना
भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत
विभिन्न करों को समाप्त कर "एक राष्ट्र, एक कर" की नीति लागू करना
प्रधानमंत्री जन धन योजना
आयुष्मान भारत योजना यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना है
स्वच्छ भारत मिशन
उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए गए जिससे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सुधार
गरीब के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना
वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत
भारतमाला और पर्वतमाला परियोजनाएं
सर्जिकल स्ट्राइक ,बालाकोट हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सैन्य ताकत
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, निष्पक्ष चुनाव कराना
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ-बद्रीनाथ मास्टर प्लान, और भारत मंडपम जैसे परियोजनाओं के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा दिया जा रहा है
-- अभियान के तहत क्या होगा --
गांवों में पंचायत चौपाल और शहरों में मोहल्ला चौपाल आयोजित की जाएंगी
जिला स्तर पर प्रेस वार्ता और कार्यशाला
प्रत्येक विधानसभा में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए पंजीकरण शिविर लगाए जाएंगे
खासकर आयुष्मान भारत योजना के शत-प्रतिशत पंजीकरण पर जोर दिया जाएगा
"संकल्प से सिद्धि" अभियान के साथ ही बीजेपी जून महीने में कई कार्यक्रम करेगी. इनमें 5 जून से "वंदे जल संरक्षण जन अभियान", 21 जून को योग दिवस पर कार्यक्रम और 23 जून को श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजन. साथ ही 25जून कोआपातकाल की बरसी पर लोकतंत सेनानियों का सम्मान.