VIDEO: दीया कुमारी की अध्यक्षता में पर्यटन समीक्षा बैठक, राजस्थान पर्यटन को नई उड़ान देने की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दीया कुमारी की अध्यक्षता में पर्यटन भवन में पर्यटन विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें राजस्थान के पर्यटन, विरासत संरक्षण और बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास को लेकर कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए. दीया कुमारीने निर्देश दिए कि बजट घोषणाओं का क्रियान्वयन हो या फिर केंद्र प्रवर्तित योजनाएं. सभी का काम समयबद्ध और गुणवत्ता पूर्ण होना चाहिए. 

उपमुख्यमंत्री दीया कुमारीके अध्यक्षता में हुई बैठक में पर्यटन सचिव रवि जैन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में पर्यटन स्थलों, स्मारकों, संग्रहालयों और धार्मिक स्थलों का ऐसा निर्माण और विकास किया जाए कि उन्हें देखकर पूरी दुनिया आश्चर्यचकित हो जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप आधुनिक संग्रहालयों और भव्य प्रतिमाओं का निर्माण दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में देखा जा सकता है-राजस्थान को भी उसी दिशा में अग्रसर होना चाहिए.

राजस्थान को झूंझुनू में मिलेगा  वार म्यूजियम:
बैठक में झुंझुनूं में राज्य का पहला 'वार म्यूजियम' स्थापित करने की घोषणा की गई. इस संग्रहालय में राजस्थान के वीर सैनिकों की शौर्य गाथाएं, युद्ध कौशल और ऐतिहासिक युद्धों से जुड़ी सामग्री प्रदर्शित की जाएगी. इस परियोजना के लिए संस्था 'VAMA' को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है और डीपीआर तैयार कर बजट आवंटन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.

अल्बर्ट हॉल बनेगा ‘स्मार्ट म्यूजियम’:
जयपुर का ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल संग्रहालय अब एक स्मार्ट म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके तहत डिजिटल लाइट एंड साउंड शो, इंटरैक्टिव डिस्प्ले, वर्चुअल रियलिटी और एआर तकनीक जैसे आधुनिक फीचर्स जोड़े जाएंगे. इससे संग्रहालय की वैश्विक स्तर पर पहचान बनेगी.

प्रदेश के संग्रहालयों और किलों के डिजिटलीकरण की योजना को भी मंजूरी दी गई. 25 करोड़ रुपये की लागत से AR आधारित अपग्रेडेशन, RFID टैगिंग, और वर्चुअल टूर सिस्टम लागू किए जाएंगे. पहले चरण में छह माह में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

पुष्कर के लिए 300 करोड़ की विकास योजना:
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पुष्कर के लिए 300 करोड़ रुपये की विकास योजना प्रस्तुत की गई. इसमें ब्रहमा मंदिर कोरिडोर, घाटों का जीर्णोद्धार, थीम पार्क में लेज़र शो, डिजिटल गाइडिंग सिस्टम, सावित्री वाटिका, और ब्रहमा से वराहा चौक तक कॉरिडोर निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मेला ग्राउंड का समुचित विकास भी योजना में सम्मिलित किया जाए.

महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट और ट्राइबल टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा:
बैठक में महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट को भव्य रूप से विकसित करने, युद्ध संग्रहालय - झुंझुनूं, और संग्राहलयों के नवाचार पर भी चर्चा हुई. वहीं, ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट के तहत डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व उदयपुर जैसे जिलों में शिल्पग्राम और जनजातीय संग्रहालय के विकास से आदिवासी युवाओं को रोजगार देने के प्रयास तेज किए जाएंगे.

 

जल संरक्षण और विरासत संरक्षण पर विशेष ध्यान:
राजस्थान की पारंपरिक बावड़ियों के जीर्णोद्धार को लेकर भी विशेष चर्चा हुई. उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विशेषज्ञ कंसल्टेंट्स की राय लेकर इन संरचनाओं का संरक्षण किया जाए ताकि जल संरक्षण की सदियों पुरानी परंपरा और लोक संस्कृति का संवर्धन हो सके. जल महल की पाल और रेलिंग के नवीनीकरण, आमेर में लाइट एंड साउंड शो की प्रगति और शेखावाटी की हवेलियों के संरक्षण पर भी बैठक में दिशा-निर्देश जारी किए गए. वहीं, जमवाय माता मंदिर, खाटू श्याम जी, और मालासेरी डूंगरी के विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी साझा की गई. पर्यटन मंत्री ने निर्देश दिए कि एडवेंचर पॉलिसी को इसी जून माह में अंतिम रूप दिया जाए. साथ ही राजस्थान पर्यटन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शोकेस करने के लिए रोड शो आयोजित करने की संभावनाएं तलाशने को कहा. बैठक में लिए गए ये निर्णय राजस्थान को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले साबित हो सकते हैं. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारीके नेतृत्व में राज्य का पर्यटन क्षेत्र विरासत, नवाचार और रोजगार की दृष्टि से सशक्त बनता दिखाई दे रहा है.