जयपुरः सचिवालय परिसर से कार्मिक विभाग सहित अन्य विभागों को शिफ्ट करने की कवायद ने फिर जोर पकड़ा है. दरअसल कैबिनेट निर्णय के बाद यूडीएच ने मेट्रो की अनुपयोगी भूमि को कार्मिक सहित अन्य विभाग को आवंटित करने के बाद जल्द ही सचिवालय में स्थित सचिवालय के बाहर के निदेशालय स्तर के विभागों को उस भूमि के आवंटन के आसार हैं. मेट्रो की लालकोठी स्थित कृषि उपज मंडी की अनुपयोगी 19205 वर्गमीटर भूमि को कार्मिक विभाग को आवंटन की कैबिनेट आज्ञा जारी कर दी है.
जमीन का अंकगणित
कुल 19505 वर्गमीटर भूमि में से 300 वर्गमीटर भूमि विद्युत विभाग को सब स्टेशन के लिए आवंटित की गई है.
पूर्व में कैबिनेट ने इस बारे में फैसला किया था जिसके बारे में अब कैबिनेट आज्ञा जारी हो गई है. साथ ही विभाग की ओर से भी इसे लेकर आदेश जारी किए गए हैं.
इससे पूर्व सरकार ने सचिवालय परिसर में राजकाज देख रहे 20 विभागों को बाहर करने के लिए सूची जेडीए को भेजी थी. इनमें डीआईपीआर,राज्य निर्वाचन आयोग और निर्वाचन विभाग जैसे प्रमुख विभाग शामिल हैं.
माना जा रहा है कि कार्मिक विभाग को आवंटित जमीन वह दूसरे विभाग को आवंटित करेगा जिसके बाद शिफ्टिंग की जा सकती है.
इन विभागों को बाहर जमीन देने के लिए किया है निर्देशित
विभाग अभी सचिवालय में कहां हैं विभाग स्थित
आपदा प्रबंधन व सहायता विभाग-खाद्य भवन, भूतल
खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग-खाद्य भवन, भूतल
निर्वाचन विभाग-खाद्य भवन प्रथम मंजिल
विधि,वादकरण विभाग-खाद्य भवन, प्रथम तल, मुख्य भवन भूतल
सैनिक कल्याण बोर्ड- खाद्य भवन , द्वितीय तल
अभियोजन निदेशालय-खाद्य भवन, प्रथम व द्वितीय तल
ग्रामीण विकास व पंचायतीराज विभाग-उत्तर-पश्चिमी भवन,भूतल व प्रथम तल विकास खंड भूतल
राज्य मानवाधिकार आयोग-उत्तर पश्चिमी भवन भूतल व प्रथम तल
राज्य अल्पसंख्यक आयोग-उत्तर पश्चिमी भवन तृतीय तल
देवनारायण बोर्ड-उत्तर पश्चिमी भवन द्वितीय तल
राजस्थान राज्य पुलिस जवाबदेही-उत्तर पश्चिमी भवन तृतीय तल
स्टेट ऑपरेशन इमरजेंसी सेंटर-पुस्तकालय,प्रथम तल
सूचना प्रौद्योगिकी,संचार विभाग-पुस्तकालय,चतुर्थ तल
राजस्थान संपर्क पोर्टल, हेल्पलाइन 181-पुस्तकालय भवन,द्वितीय तल
राज्य अभिलेखागार-अभिलेखागार भवन,भूतल
राज्य हज कमेटी-मुख्य भवन भूतल
राज्य वक्फ विकास परिषद-मुख्य भवन,भूतल
राज्य निर्वाचन आयोग-विकास खंड प्रथम तल
सूचना जनसंपर्क विभाग-निकास गेट के पास स्थित भवन
ये विभाग शिफ्ट होने इसलिए भी जरूरी माने गए हैं कि ये उस पुराने भवन में हैं जिसके कई हिस्से जर्जर हो गए हैं और खास तौर पर बारिश में फॉल सीलिंग गिरने का खतरा बना रहता है. इन सभी भवनों को पूरा नए सिरे से बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है.
यह बनाया था पूर्व में प्लान
-पूर्व में डीआईपीआर को शिफ्ट करने का प्लान था जिसमें डीआईपीआर में निदेशक और प्रशासकीय काम को छोड़कर अन्य तमाम ऑफिस जालुपुरा के दो क्वार्टर्स में शिफ्ट होने थे.
-DIPR के पुनरुद्धार के लिए 150 करोड का बजट स्वीकृत किया गया था.
-इस बजट से वहां भवन का निर्माण होगा जहां पत्रकारों के लिए वर्किंग स्टेशन भी बनना प्रस्तावित था.
ऊपरी मंजिल पर सोश्यल मीडिया के लिए होगा वर्किंग स्टेशन जिसमें प्लग एंड प्ले की सुविधा का था प्रस्तावित.
नीचे दो मंजिलों में डीआईपीआर के अधिकारियों के लक्जरी चैम्बर और कक्ष बनाने का था प्रस्ताव.
ग्राउंड फ्लोर में इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के हिसाब से भव्य स्टूडियो बनाने का था प्रस्ताव.
इससे सुजस बुलेटिन और अन्य स्टोरी,खबरों,स्पेशल फीचर के प्रसारण का था प्रस्ताव.
इसमें वॉइस ओवर सहित अन्य तमाम तरह की सुविधा करने का था प्रस्ताव.
इस भवन में पार्किंग और कैफेटीरिया बनना भी था प्रस्तावित.
प्लानिंग के तहत डीआईपीआर के शिफ्ट होने पर निदेशक या आयुक्त का कक्ष वहीं रहने और यहां रोजाना आयुक्त आकर अपना कामकाज संभालने का था प्रस्ताव.
साथ ही सचिवालय से जुड़े जनसंपर्क अधिकारी के लिए भी मौजूदा निदेशक के चैम्बर के पास जगह रखने का था प्रस्ताव.
यहीं खबरों के लिए कैमरापर्सन भी उपलब्ध रखने का था प्रस्ताव.
लेकिन तमाम प्रशासकीय कामकाज नए भवन में शिफ्ट करने का था प्रस्ताव.
क्या किया जा रहा है अभी ?
इस समय जोरशोर से सचिवालय में नॉर्थ ब्लॉक के निर्माण का काम जारी है.
करीब 130 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा नया भवन
मुख्य सचिव और उनके कार्यालय के लिए होगा पूरा अलग गलियारा
सचिवालय में ही बनेगा अलग भवन
वित्त विभाग,गृह,कार्मिक विभाग हो सकते यहीं शिफ्ट
पंचायती राज खंड से पूर्व तक के भवनों और कैंटीन्स का हिस्सा आएगा इस दायरे में
50 हजार वर्ग फीट में नया भवन बनना प्रस्तावित
कैंटीन,डिस्पेंसरी,पानी की टंकी आएगी इस दायरे में
नए भवन में दो बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर के साथ पांच मंजिल होंगी
पंचायती राज खंड के बाद से आईटी भवन तक 50 हजार वर्ग फीट में बनेगा नया भवन
एक कैंटीन और एक हाईटेक ऑडिटोरियम का निर्माण भी होगा.
इसमें पार्किंग भी बनाने का है प्रस्ताव
इस प्रस्ताव को अमली जामा पहनाने के लिए हो गया है सर्वे भी
इसके साथ-साथ दूसरे भवन की रूपरेखा तैयार
इस प्लानिंग में डीआईपीआर का मुख्य भवन सचिवालय परिसर से बाहर करने की थी प्लानिंग
इसके लिए जालुपुरा के पास,टैक्नोहब और सीतापुरा में जमीन चिन्हित की गई थी.
150 करोड की लागत से बनने वाला यह डीआईपीआर भवन भी होना था हाईटेक
इस खाली जगह को खुला छोड़कर पार्क आदि किया जा सकता है विकसित.
अभी क्यों महसूस की जाती है कमी ?
सचिवालय अभी मुख्य रूप से चार हिस्सों में बंटा हुआ है
मुख्य भवन, फूड बिल्डिंग, एसएसओ बिल्डिंग और पंचायती राज खंड हैं सचिवालय में
इसके साथ मंत्रालयिक भवन,सीएमओ भी हैं सचिवालय में
मुख्य भवन में करीब ढाई हजार कार्मिक बैठते हैं
वहीं, फूड बिल्डिंग में एक हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं
एसएसओ बिल्डिंग में करीब 800 कर्मचारी काम करते हैं
वहीं 300 से ज्यादा कार्मिक पंचायती राज खंड में बैठते हैं
लेकिन अभी है सचिवालय में कक्षों की खासी कमी
यहां तक कि कुछ विभागों में DS स्तर के अधिकारी को भी नहीं कक्ष आवंटित
कई बार ट्रांसफर होकर आए IAS को भी मुश्किल से मिलता है कक्ष
इसके साथ सचिवालय के अभी के भवनों के मुख्य चारों खंड हैं पुराने
कई बार बारिश में छत टपकने, फॉल सीलिंग गिरने की आती है समस्या
वहीं सबसे बड़ा सरकारी भवन होने के बावजूद सचिवालय में नहीं है ऑडिटोरियम
इसी कमी के मद्देनजर सीएम गहलोत ने की है ऑडिटोरियम सहित बड़े भवन की घोषणा
अब क्या आ रही है समस्या ?
सचिवालय में नए भवन की भेंट चढ़ेंगी कैंटीन और डिस्पेंसरी
इसके साथ ही अभिलेखागार में हैं बेशकीमती दस्तावेज
राजा-महाराजाओं के समय की बेशकीमती जमीनों के हैं दस्तावेज
अगर अभी अभिलेखागार भवन को तोड़ा गया तो हो सकती समस्या
बेशकीमती दस्तावेजों की सार-संभाल की आ सकती है समस्या
अभिलेखागार भवन में ही है डिस्पेंसरी
इसमें हैं करोडों के जांच उपकरण जिनकी शिफ्टिंग में है समस्या
3 कैंटीन्स,डिस्पेंसरी और अभिलेखागार का निर्माण करना पड़ेगा ध्वस्त
डिस्पेंसरी को स्वागत कक्ष के पास शिफ्टिंग की है प्लानिंग
सबसे ज्यादा समस्या है अभिलेखागार की
अभिलेखागार,अन्य शाखा मिलाकर हजारों कर्मचारी हो सकते प्रभावित
इस निर्माण की जद में आनेवाले भवन की क्षमता और कर्मियों का हुआ है सर्वे
अभिलेखागार कार्यालय के स्टाफ और अन्य प्रशासनिक ढांचे का भी लिया है प्लान
इसके बाद जेडीए ने सभी 18 जोनों को पत्र भेजकर इन विभागों को शिफ्ट करने के लिए 5000 से 10000 वर्गमीटर की जमीन में शिफ्ट करने की कवायद करने को कहा है. माना जा रहा है कि यदि यह जमीन आवंटित कर दी जाती है तो बहुमंजिला इमारत में ये विभाग शिफ्ट किए जा सकते हैं.