जयपुरः प्राक्कलन समितियाँ लोकतंत्र की पारदर्शिता की प्रहरी हैं. ये कहना है लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का. मुंबई में लोकसभा और विधानसभाओं की प्राक्कलन समितियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ. सम्मलेन में छह संकल्प पारित हुए. ओम बिरला ने कहा कि प्रतिवेदनों पर प्रभावी काम हुआ,लगातार राज्य और केंद्र दोनों मिलकर ट्रेनिंग कार्यक्रम करेंगे. सम्मेलन में तय हुआ समितियां अब AI प्रयोग को लेकर काम करेगी जिससे समितियों को मजबूती मिलेगी.
मुंबई में प्राक्कलन समिति सम्मेलन का सफल समापन हुआ .दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ने वित्तीय पारदर्शिता पर गंभीर विमर्श की नई दिशा तय की.लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने समापन सत्र को किया संबोधित, संविधानिक संस्थाओं की भूमिका और उत्तरदायित्व पर रखा दूरदर्शी दृष्टिकोण. बिरला ने कहा कि वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता पर हुआ सारगर्भित मंथन, राज्य व केंद्र की समितियों ने अनुभवों के आदान-प्रदान से रखी सुधार की मजबूत नींव
सम्मलेन में AI डाटा आधारित मूल्यांकन और तकनीक के उपयोग पर व्यापक सहमति, स्मार्ट गवर्नेंस की ओर बढ़ते कदमों पर विचार विमर्श हुआ. राज्य और केंद्र के प्राक्कलन समितियों में समन्वय पर जोर, संविधानिक कार्य प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने हेतु बनी साझा रणनीति. आपसी ट्रेनिंग के कार्यक्रम होंगे.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि “प्राक्कलन समितियाँ लोकतंत्र की पारदर्शिता की प्रहरी हैं” सशक्त लोकतत्र के निर्माण में इन समितियों की भूमिका अनिवार्य है. सम्मलेन के समापन सत्र को राज्यसभा उप सभापति हरिवंश सिंह, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर समेत प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया. छह संकल्पों के जरिए प्राक्कलन समितियों की मजबूती पर फोकस हुआ
बाइट हरिवंश सिंह उप सभापति राज्यसभा.