रणथम्भौर से RBT-2507 का मुकंदरा ट्रांसलोकेशन सफल, ऐरोहेड की संतानों का क्रमबद्ध स्थानांतरण संपन्न

जयपुरः रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में लगातार मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के मद्देनज़र, बाघों की बढ़ती संख्या को अन्य संरक्षित क्षेत्रों में पुनर्स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. आज नाका भीड़ क्षेत्र स्थित एनक्लोजर से ऐरोहेड (टी-84) की मादा शावक RBT-2507 (कनकटी) को सफलतापूर्वक ट्रक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर पहनाया गया और मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, कोटा के लिए रवाना किया गया.

यह ऑपरेशन डॉ. रामानंद भाकर (उप वन संरक्षक प्रथम, रणथम्भौर) के नेतृत्व में किया गया, जिसमें मुकंदरा हिल्स के उप वन संरक्षक एस मुथु, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. राजीव गर्ग, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. सी.पी. मीना, सहायक वन संरक्षक तेजस पाटिल, फील्ड बायोलॉजिस्ट मोहम्मद मैराज, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के प्रोजेक्ट ऑफिसर राजशेखर, रेंज वन अधिकारी रामखिलाड़ी मीना एवं होमगार्ड जसकरण सिंह की टीम शामिल रही. इससे पूर्व, 17 जून को RBT-2508 (मादा शावक) को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी में ट्रांसलोकेट किया गया था.

वहीं, ऐरोहेड का नर शावक RBT-2509 इस समय कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य के एनक्लोजर में रखा गया है. मानव हमलों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र गठित कमेटी की सिफारिशों एवं राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण व पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति के पश्चात यह ट्रांसलोकेशन प्रक्रिया अपनाई गई है. इस पहल से रणथम्भौर में पर्यटकों व वनकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी तथा अन्य टाइगर रिजर्व को युवा बाघों की उपस्थिति से मजबूती मिलेगी.