जयपुरः वाहन पंजीकरण के दौरान स्मार्ट कार्ड के नाम पर वाहन स्वामियों से अवैध रूप से 200 से 300 रुपये तक की अतिरिक्त राशि वसूलने वाले डीलर्स अब आरटीओ प्रथम के रडार पर हैं. क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ प्रथम) को इस संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके बाद अब विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित डीलर्स पर कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं.
कि 14 मार्च 2024 से प्रदेशभर में परिवहन विभाग द्वारा स्मार्ट कार्ड की जगह ई-आरसी (इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) और ई-डीएल (इलेक्ट्रॉनिक ड्राइविंग लाइसेंस) व्यवस्था लागू कर दी गई है. इस नई व्यवस्था के तहत अब वाहन स्वामी या ड्राइविंग लाइसेंस धारक स्वयं ही अपने दस्तावेज़ों की प्रिंटिंग करवा सकते हैं. इसके चलते अब किसी भी डीलर या एजेंसी को स्मार्ट कार्ड शुल्क लेने का कोई अधिकार नहीं है.आरटीओ प्रथम के अनुसार, कुछ डीलर्स द्वारा इस नई व्यवस्था की जानकारी छुपाकर वाहन स्वामियों से स्मार्ट कार्ड के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने की शिकायतें सामने आई थीं. इन शिकायतों की जांच के बाद डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (डीटीओ) प्रवर्तन को मामले की जांच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं.
जारी किए गए हैं यह आदेश:
अब कोई भी डीलर वाहन पंजीकरण के दौरान स्मार्ट कार्ड के नाम पर शुल्क नहीं ले सकेगा.
यदि किसी वाहन स्वामी से इस प्रकार की वसूली की गई है, तो डीलर को यह राशि वापस लौटानी होगी.
पूर्व में वसूले गए शुल्क की भी वापसी सुनिश्चित की जाएगी.
उल्लंघन पाए जाने पर डीलर्स के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी, जिसमें लाइसेंस निलंबन या जुर्माना भी शामिल हो सकता है.
आरटीओ प्रथम राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि विभाग पारदर्शिता और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. विभाग द्वारा समय-समय पर जनता को डिजिटल व्यवस्था की जानकारी देने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, ताकि एजेंटों या डीलर्स द्वारा गुमराह कर अवैध वसूली न की जा सके.आरटीओ ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी वाहन स्वामी से स्मार्ट कार्ड के नाम पर अवैध शुल्क वसूला गया हो तो वह संबंधित दस्तावेजों के साथ आरटीओ प्रथम कार्यालय में शिकायत दर्ज करवा सकता है. शिकायतों की गोपनीय जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.यह सख्ती न केवल डीलर्स की मनमानी पर लगाम लगाएगी, बल्कि वाहन स्वामियों को अनावश्यक आर्थिक बोझ से भी राहत दिलाएगी. अब जरूरत है कि आम लोग भी जागरूक रहें और विभागीय निर्देशों की जानकारी रखते हुए ही वाहन पंजीकरण या ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया पूरी करें.