अमेरिकी एडवाइजरी से भारतीय पर्यटन पर संकट के बादल, राजस्थान पर्यटन कारोबार को झटका, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः भारत में महिलाओं की सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों का हवाला देते हुए अमेरिका द्वारा जारी की गई नवीनतम ट्रैवल एडवाइजरी ने देश की वैश्विक छवि और पर्यटन उद्योग पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. विशेष रूप से राजस्थान, जो सदियों से विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य रहा है, अब इस एडवाइजरी के कारण सीधी मार झेल सकता है. राजस्थान में हर साल सबसे अधिक विदेशी पर्यटक अमेरिका से ही आते हैं. ऐसे में यह एडवाइजरी राज्य के ट्रैवल ट्रेड और अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. 

अमेरिकी विदेश विभाग की इस एडवाइजरी में पर्यटकों को भारत में सतर्क रहने की सलाह दी गई है. इसमें जम्मू-कश्मीर, भारत-पाकिस्तान सीमा और पूर्वोत्तर राज्यों खासकर मणिपुर की यात्रा से परहेज करने को कहा गया है. इसके साथ ही महिलाओं को अकेले यात्रा करते समय विशेष सावधानी बरतने, व्यक्तिगत सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा करने और आसपास के वातावरण के प्रति सचेत रहने की हिदायत दी गई है. एडवाइजरी में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत में सैटेलाइट फोन और जीपीएस डिवाइस रखना गैरकानूनी है और इसके उल्लंघन पर दो लाख डॉलर का जुर्माना या तीन साल की सजा हो सकती है. इसके अलावा, ओवरसीज सिक्योरिटी एडवाइजरी काउंसिल की ‘इंडिया कंट्री सिक्योरिटी रिपोर्ट’ की समीक्षा, आपातकालीन योजना तैयार करने और ‘ट्रैवलर चेकलिस्ट’ पर गौर करने की सलाह भी दी गई है.

राजस्थान में चिंता की लहर, पर्यटन कारोबारी नाखुश
राजस्थान के ट्रैवल ट्रेड से जुड़े प्रमुख चेहरों — संजय कौशिक, तरुण बंसल, महेश शर्मा सहित कई पर्यटन संचालकों ने अमेरिकी सरकार की इस एडवाइजरी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इन सभी ने एक स्वर में इसे "अवास्तविक, पक्षपातपूर्ण और राजस्थान की वास्तविकता से परे" बताया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान वर्षों से विदेशी पर्यटकों के लिए न केवल आकर्षण का केंद्र रहा है, बल्कि सबसे अधिक सुरक्षित राज्यों में से एक भी है.

पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि यह एडवाइजरी ऐसे समय पर आई है जब सितंबर से पर्यटकों का अगला सीज़न शुरू होने जा रहा है. कोविड महामारी से उबरने के बाद पर्यटन कारोबार को दोबारा गति मिलने लगी थी, लेकिन अब यह नया झटका व्यापारियों की पेशानी पर बल डाल रहा है. पर्यटन कारोबारियों ने राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है. विशेष रूप से उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दिया कुमारी से आग्रह किया गया है कि वे अमेरिकी दूतावास से इस एडवाइजरी पर स्पष्ट संवाद स्थापित करें और राजस्थान की वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं. इसके साथ ही यह सुझाव भी दिया गया है कि राज्य सरकार की ओर से एक विशेष परिपत्र (स्पष्टीकरण) जारी किया जाए जिसमें राजस्थान की सुरक्षा, महिला पर्यटकों के लिए बने प्रोटोकॉल और आतिथ्य परंपरा की जानकारी विस्तार से दी जाए. पर्यटन क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इस तरह की एडवाइजरी से न केवल विदेशी पर्यटकों की संख्या में गिरावट आएगी, बल्कि देश की ब्रांड वैल्यू और निवेश संभावनाओं पर भी विपरीत असर पड़ सकता है. इससे पहले भी कुछ देशों ने आंतरिक घटनाओं के आधार पर भारत को लेकर चेतावनियां दी थीं, लेकिन इस बार अमेरिकी एडवाइजरी का स्वर अपेक्षाकृत तीखा और चिंता बढ़ाने वाला है.  

यदि इस एडवाइजरी का समय रहते जवाब नहीं दिया गया तो इससे राजस्थान के पर्यटन कारोबार को सीधा नुकसान होगा. राज्य सरकार को अमेरिका समेत अन्य प्रमुख देशों के दूतावासों से संवाद कर भारत — खासकर राजस्थान — की सकारात्मक और सुरक्षित तस्वीर दुनिया के सामने लानी होगी. साथ ही, यह भी जरूरी होगा कि स्थानीय पर्यटन उद्योग के हितों की रक्षा के लिए नीति स्तर पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं.