VIDEO: बीजेपी में सियासी नियुक्तियों की चर्चा, पंचायत और निकाय चुनाव तक हो सकती देर, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: किसी भी सरकार में सियासी नियुक्तियों का ऐलान बड़ा दांव होता है.इसके जरिए बड़े और प्रमुख नेताओं को एडजस्ट करना ,क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधने का जटिल काम होता है.भजन लाल सरकार बनने के बाद अभी बीजेपी नेताओं को बड़े स्तर पर सियासी नियुक्तियों का इंतजार है. बीजेपी सत्ता संगठन की तैयारी है मगर निकाय और पंचायत चुनाव अवरोध बन सकते है.वहीं आठ सियासी प्राप्त नेता गजट नोटिफिकेशन की बाट जोह रहे,जिससे मंत्री का दर्जा मिल सके. 

गुजरात में बीजेपी विधायकों की ट्रेनिंग के बाद आस जगी थी कि राजस्थान में सियासी नियुक्तियों का दूसरा दौर देखने को मिलेगा वो करीब एक साल बाद.भजन लाल सरकार को बने हुए डेढ़ साल से अधिक हो गए.कई दिग्गज नेता है जिन्हें नियुक्ति का इंतजार है.जिससे उनका सियासी पुनर्वास हो सके. पहलगाम घटनाक्रम और भारत पाक तनाव ने बीजेपी सरकार की प्राथमिकताओं को बदल दिया. नवरात्र भी समाप्त हो गए लेकिन नियुक्तियों का ऐलान नहीं हुआ.इसके पीछे कुछ तथ्य सामने लाए जा रहे.

सियासी नियुक्तियों में देरी के कारण: 
- भारत पाक तनाव के कारण पनपा राजनीतिक वातावरण
- बीजेपी प्रदेश टीम और सियासी नियुक्तियों को एक साथ करने की संभवतः रणनीति
- पंचायत और निकाय चुनाव भी देरी का कारण बन सकते है
- बीजेपी नेतृत्व की सोच है कि पंचायत और निकाय चुनावों में कई नेता एडजस्ट हो जाएंगे
- पंचायत निकाय चुनाव में नेताओं का परफॉर्मेंस चेक

भजन लाल सरकार के निर्माण के बाद पहली राजनीतिक नियुक्ति का श्रीगणेश हुआ ओंकार सिंह लखावत से.उन्हें मंत्री का दर्जा भी मिल गया और सरकारी संसाधन भी.इसके बाद बीते साल मार्च में  भजनलाल सरकार ने 7बड़ी सियासी नियुक्तियां की थी..ये लोकसभा चुनावों का समय था.इनमें नव सर्जित विश्वकर्मा बोर्ड का गठन भी किया था 

पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी को किसान आयोग:
-पूर्व सांसद जसवंत सिंह विश्नाई को जीव-जंतु कल्याण बोर्ड 
-बीकानेर के बीजेपी नेता रामगोपाल सुथार को विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड 
-पूर्व मंत्री प्रेम सिंह बाजोर को सैनिक कल्याण बोर्ड 
-राजेन्द्र नायक को अनुसूचित जाति वित्त विकास आयोग बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके ओम 
-प्रकाश भडाना को देवनारायण बोर्ड
-नहरी क्षेत्र के नेता प्रहलाद राय टांक को माटी कला बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया

इन सभी सात राजनीतिक नियुक्ति प्राप्त नेताओं:
मंत्री का दर्जा मिलेगा लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है. अभी तक इस बारे में सरकार की ओर से गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ.बिना गजट नोटिफिकेशन के इन्हें ना मंत्री का दर्जा मिल सकता है और ना ही गार्ड ऑफ हॉनर.मंत्री दर्जा मिलने के बाद दौरे के वक्त सर्किट हाउस या अन्य सरकारी स्थान पर सरकारी सम्मान मिलता है.साथ ही सरकारी गाड़ी ,PSO और अन्य सुविधा लेकिन एक साल  बीतने के बावजूद इन्हें मंत्री पद का दर्जा नहीं मिला.हालांकि इन्होंने पद ज्वाइन कर लिया और कार्यालय भी मिल गया.अपने पद पर काम करने का भी इन्होंने संकल्प जता दिया.बहरहाल नई नियुक्तियों को लेकर बीजेपी हलकों में लगातार चर्चाओं को बल मिलता रहता है.