VIDEO: आमेर फोर्ट में हाथी सवारी की दरों में 1400 रुपए की वृद्धि, महावतों में नई दरों से उत्साह लेकिन दोगुनी से अधिक वृद्धि से पर्यटकों की संख्या घटने की आशंका

जयपुर: विश्व विरासत में शुमार आमेर में हाथी सवारी करना महंगा हो गया है. पुरातत्व विभाग ने हाथी सवारी की दरों में सीधे ₹1400 की वृद्धि कर दी है. इसके बाद अब 1 अक्टूबर से हाथी सवारी के लिए प्रत्येक पर्यटक को 1100 रुपए की जगह 2500 रुपए देने होंगे. इस वृद्धि का महावतों ने स्वागत किया है लेकिन पर्यटन क्षेत्र से जुड़े ट्रैवल एजेंट और टूर ऑपरेटर्स को इस बात की आशंका है कि दोगुनी से अधिक वृद्धि के चलते पर्यटकों की संख्या में कमी आ सकती है. 

हाथी सवारी की दरों में 1400 रुपए की वृद्धि !
हाथी सवारी की दरें सीधे ₹1100 से ₹2500 प्रति पर्यटक
1 अक्टूबर से लागू होंगे हाथी सवारी की नई दरें
दोगुनी से भी अधिक वृद्धि से हाथी सवारी करने के इच्छुक पर्यटकों की संख्या घटने की आशंका
खासकर भारतीय पर्यटक 30 मिनट की हाथी सवारी के लिए शायद ही करें ₹2500 खर्च 
पर्यटन और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने मिलकर तय कर दी नई दरें
सीधे ₹1400 की वृद्धि का फैसला इन दोनों ही विभागों के लिए हो सकता है आत्मघाती सिद्ध
दरों में वृद्धि से हाथी सवारी पर्यटक नहीं मिले तो से पुरातत्व विभाग की गिरेगी राजस्व आय
वहीं आमेर है आईकॉनिक डेस्टिनेशन ऐसे में दोगुनी से अधिक वृद्धि से छवि पर पड़ेगा असर
बढ़ी दरों से पर्यटक विमुख हुए तो उठाना पड़ेगा बड़ा खामियाजा
हाथी सवारी का एक दूसरा पहलू भी- 'आमेर से ज्यादा अब हाथी गांव पहुंचते हैं पर्यटक'
वहां इससे कम दर पर सवारी के सात अन्य आकर्षण भी
बड़ा सवाल 'हाथी सवारी की दरों में दोगुनी से अधिक वृद्धि कितनी तार्किक ?

आमेर की हाथी सवारी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही है दरअसल वर्ल्ड हेरिटेज फोर्ट के तौर पर आमेर की दुनिया भर में पहचान है और यहां आने वाला पर्यटक हाथी पर बैठकर इसे देखना चाहता है ताकि वह पूर्व रियासतों के राजा महाराजाओं की तरह शाही शान-ओ-शौकत का अनुभव कर सके. आमेर में यूं तो एक दशक पहले 134 हाथी हुआ करते थे अब इनकी संख्या घटकर 76 रह गई है बावजूद इसके हाथी सवारी का आकर्षण कम नहीं हुआ. 

पिछले 14 वर्ष से हाथी सवारी की दरों में वृद्धि नहीं की गई थी. लगातार महावत इस बात की मांग कर रहे थे कि महंगाई बड़ी है तो दरों में वृद्धि भी की जाए. ऐसे में पिछले महीने पुरातत्व, पर्यटन और वन विभाग सहित हाथी सवारी से जुड़े स्टेकहोल्डर्स की एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें नई दरों को लेकर सहमति बनी. हालांकि दरें एकदम ₹1100 से बढ़कर सीधे ₹2500 कर दी गई इसका हाथी महावतों ने स्वागत किया है. 

लेकिन ट्रैवल ट्रेड से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है की दोगुनी से अधिक वृद्धि से हाथी सवारी करने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी हो सकती है. खासकर भारतीय पर्यटक इसका शायद ही लुत्फ उठा सकें. इससे पुरातत्व विभाग का राजस्व भी कम होगा और आमेर के प्रति पर्यटकों के आकर्षण में कमी आ सकती है. हालांकि हाथी महावत 1 अक्टूबर से लागू हो रही नई दरों को लेकर काफी खुश नजर आ रहे हैं.

पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉ पंकज धरेंद्र का कहना है कि 14 वर्षों से दरों में वृद्धि नहीं की गई थी ऐसे में महावतों की मांग और महंगाई को देखते हुए यह वृद्धि की गई है. नई दरें के आदेश के बाद 1 अक्टूबर से प्रति व्यक्ति हाथी सवारी के लिए पर्यटकों को 2500 रुपए देने होंगे, इसमें से करीब 400 रुपए विभिन्न शुल्क काटकर हाथी मालिक को 2100 रुपए मिलेंगे. इसके अतिरिक्त 5 साल बाद हाथी सवारी की दरों में की गई वृद्धि की समीक्षा की जाएगी.

हाथी सवारी आमेर आने वाले पर्यटकों का मुख्य आकर्षण रही है. हालांकि 14 वर्ष से हाथी सवारी की दरें नहीं बढ़ी थी लेकिन अब जब दरें बढ़ा दी गई हैं तो एकदम ₹1100 से ₹2500 करना पर्यटकों को कितना रास आएगा यह कहना तो अभी संभव नहीं लेकिन भारतीय पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए दरों में तार्किक वृद्धि की जाती तो ज्यादा बेहतर होता.