जयपुर: राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच "बढ़ती" बिजली की डिमाण्ड ने ऊर्जा विभाग के फ्यूज उड़ा दिए है.पिछले एक पखवाड़े की बात की जाए तो पांच सौ लाख यूनिट तक बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.हालांकि, विभाग का दावा है कि अभी किसी भी जगह शिड्यूल कटौती की नौबत नहीं आई है, लेकिन फील्ड की सच्चाई ये है कि बढ़ती मांग के बीच सिस्टम के जवाब देने से जनता को दिन में कई बार बिजली गुल की दिक्कतों से रूबरू होना पड़ रहा है.आखिर गर्मी के तेवरों को देखते हुए बिजली की क्या है स्थिति और आगामी दिनों की प्लानिंग.
गर्मी के सीजन में राजस्थान में सूर्यदेव की कुछ ज्यादा की मेहरबानी ने राजस्थान डिस्कॉम की परेशानी बढ़ा दी है.प्रदेश के कई जिलों में पिछले एक पखवाड़े से तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है.हालात ये है कि गर्म हवाओं और भीषण तपन के बीच बिजली की खपत का ग्राफ एकाएक रिकॉर्ड की ओर बढ़ता नजर आ रहा है.डिस्कॉम के आंकड़ों को देखे तो एक अप्रेल को जहां प्रदेश में 2572 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई, वहीं अब आपूर्ति का ग्राफ 3100 लाख यूनिट पार पहुंच गया है.हालांकि, ऊर्जा की उपलब्धता मांग के अनुरूप बताई जा रही है, लेकिन बिजली की इस खपत के चलते कई जिलों में लोड़ मैनेजमेंट की दिक्कतें जरूर शुरू हो गई है.
अकेले जयपुर शहर की बात करें तो कमोबेश सभी इलाकों में सिस्टम की खामियों के चलते लोगों को अघोषित कटौती का सामना जरूर करना पड़ रहा है.खुद ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने दावा किया है कि फिलहाल किसी भी जगह कटौती नहीं की जा रही है.रही बात सिस्टम की खामियों की तो उसे दुरूस्त करने के लिए लॉर्म टर्म प्लानिंग पर काम चल रहा है.हम चरणबद्ध तरीके से अलग अलग क्षमता के 200 जीएसएस बनाएंगे, जिसके बाद लोड की दिक्कतें भी समाप्त होगी.
पिछले दस दिनों में बढ़ती पावर डिमाण्ड:
11 अप्रैल | 2802.94 |
12 अप्रैल | 2592.68 |
13 अप्रैल | 2711.03 |
14 अप्रैल | 2964.94 |
15 अप्रैल | 3031.26 |
16 अप्रैल | 3092.91 |
17 अप्रैल | 3091.55 |
18 अप्रैल | 3072.62 |
19 अप्रैल | 3129.20 |
20 अप्रैल | 3130.27 |
यह अनुमानित मांग और उपलब्धता:
माह | मांग | उपलब्धता |
अप्रैल | 3340 लाख यूनिट | 3503 लाख यूनिट |
मई | 3788 लाख यूनिट | 3663 लाख यूनिट |
जून | 3831 लाख यूनिट | 3722 लाख यूनिट |
बिजली डिमांड का आंकलन:
16000 मेगावाट औसत बिजली मांग रहने का आकलन
17500 मेगावाट तक पहुंच सकती है पीक डिमांड
सुबह 6 से 9 और शाम 7 से रात 11 बजे तक अधिक डिमांड रहेगी
यूं बढ़ती जा रही बिजली खपत:
वित्तीय वर्ष-- सप्लाई बिजली (लाख यूनिट)
2020-21 | 650999 |
2021-22 | 697000 |
2022-23 | 795000 |
2023-24 | 839000 |
2024-25 | 921000 |
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि गर्मी के सीजन को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.अप्रेल माह में मांग के अनुरूप बिजली की उपलब्धता है, मई में कुछ शॉटफॉल है. विशेष रूप से सुबह और शाम को पीक ऑवर के 7 घंटे में दिक्कत आ सकती है.नागर ने कहा कि डिमांड और उपलब्धता के गेप को पूरा करने के लिए शॉर्ट टर्म निविदा और एक्सचेंज के जरिए बिजली खरीदी जा रही है. इसके साथ ही केन्द्र से एक हजार मेगावाट बिजली के अतिरिक्त आवंटन का आग्रह किया गया है, जिसके मिलने पर काफी हद तक पीक ऑवर्स की दिक्कतें भी दूर हो जाएगी.