जयपुरः खान विभाग ने एक बार फिर प्रदेश में मेजर मिनरल के खनिज ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. राज्य में मेजर मिनरल के 22 ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही योजनावद्ध तरीके से 22 ब्लॉक्स में से 14 माइनिग लीज व 8 कंपोजिट लाइसेंस ब्लॉक्स की नीलामी के लिए 16 अप्रेल को निविदा सूचना जारी करने के साथ ही 21 मई तक निविदाएं आमंत्रित की गई है.
प्रमुख सचिव टी रविकान्त ने बताया कि लाइमस्टोन के माइनिंग लीज के 14 ब्लॉकों में जैसलमेर में 11, नागौर में 2 और कोटा में एक ब्लॉक की नीलामी की जा रही है. इसके अलावा 8 कंपोजिट लाइसेंस ब्लॉकों में ब्यावर के शाहपुरा ब्लॉक और कुर्तियान ब्लॉक, सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा और भीलवाड़ा के पश्चिमी सामोदी में बेस मेटल, जैसलमेर के मण्डई ब्लॉक 4 और मण्डई 5 में सिलिसीयस अर्थ के एक-एक और जालौर के चटवाड़ा ब्लॉक में फ्लोराइट और बांसवाड़ा के गररिया ब्लॉक में मैग्नींज के एक ब्लॉक की नीलामी की जा रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में राजस्थान देश में अग्रणी प्रदेश बन गया है. गत वित्तीय वर्ष में रेकार्ड 34 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी के साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा 2015 से सभी मिनरल ब्लॉकों का ऑक्शन प्रावधानों के बाद से अब तक प्रदेश में 88 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है.
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही ब्लॉकों की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरु करने से इस वित्तीय वर्ष में गत वर्ष के 34 ब्लाकों से भी अधिक की नीलामी कर नया कीर्तिमान बनाने की तैयारी है. निदेशक माइंस दीपक तंवर ने बताया कि भारत सरकार के पोर्टल एमएसटीसी पर प्रथम चरण के दौरान जो निविदादाता नेटवर्थ एवं ऑक्शन रूल्स में अंकित योग्यता पूरी करेंगे वे ही द्वितीय चरण में बोली प्रस्तुत कर सकेंगे. नीलामी के लिए प्रस्तावित ब्लॉक्स का विवरण और विस्तृत सूचनाएं विभागीय वेबसाइट एवं एम.एस.टी.सी पोर्टल पर उपलब्ध है. टेंडर दस्तावेजों की जांच के बाद जून के पहले सप्ताह से निविदादाताओं द्वारा भारत सरकार के ई प्लेटफार्म एमएसटीसी पर तय कार्यक्रम के अनुसार बोली लगाई जाएगी. ध्यान रहे कि पिछले वर्ष प्रदेश में मेजर मिनरल के 88 ब्लॉक की नीलामी कर राजस्थान में देश में पहला नंबर हासिल किया था. अब खान विभाग में 22 मेजर मिनरल ब्लॉक की नीलामी करने में सफल रहा तो प्रदेश को आने वाले 50 वर्षों तक 8 से 10 लाख करोड रुपए का राजस्व प्राप्त होगा.