राजस्थान में हाल-ए-पावर प्लांट ! बढ़ती बिजली की डिमाण्ड के बीच कोयले की आपूर्ति से राहत

राजस्थान में हाल-ए-पावर प्लांट ! बढ़ती बिजली की डिमाण्ड के बीच कोयले की आपूर्ति से राहत

जयपुरः राजस्थान में बढ़ती बिजली की डिमाण्ड के बीच कोयले की आपूर्ति से राहत मिली है. इस साल की शुरुआत से राजस्थान के कोल ब्लॉक से रिकॉर्ड कोयला आपूर्ति हुई है. पिछले साल दिसंबर माह में 775 रैक, इस साल जनवरी माह में 775 रैक, फरवरी में 659 रैक और मार्च माह में 684 रैक कोयले की आपूर्ति हुई है. 

नतीजन राजस्थान में बड़े बिजली घरों में मौजूद पर्याप्त मात्रा में क्वालिटीयुक्त कोयला है. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम आंकड़ों को देखे तो कोटा थर्मल में 16 दिन, सूरतगढ़ थर्मल में 26 दिन, सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल में 33 दिन, छबड़ा में 25 दिन, छबड़ा सुपर क्रिटिकल में 36 दिन, कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट में 18 दिन का कोयला है. 

कोयला किल्लत की तस्वीर बदलीः
केन्द्र और राज्य सरकार के बेहतर समन्वय का पॉजिटिव इम्पेक्ट देखने को मिला है. विद्युत उत्पादन निगम के प्लांट्स में कोयला किल्लत की तस्वीर बदली है. भीषण गर्मी के बीच निगम के अधिकांश प्लांट्स में मौजूद पर्याप्त कोयला है. मार्च 2024 में तो राजस्थान के कोल ब्लॉक से रिकॉर्ड 427 रैक कोयला आपूर्ति हुई. ऐसे में अलग-अलग पावर प्लांट्स में 16 से लेकर 36 दिन का कोल स्टॉक पहुंचा. इससे राहत ये कि किसी भी जगह पर कोयले की कमी की वजह से प्लांट बंद नहीं है. नतीजन, पिछले सालों की तुलना में पावर प्लांट्स से रिकॉर्ड उत्पादन मिल रहा है.