काठगोदाम (उत्तराखंड): आदि कैलाश यात्रा, जिसे हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और धार्मिक महत्व प्राप्त है, इस वर्ष एक बार फिर से श्रद्धालुओं के उत्साह का केंद्र बन गई है. कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के माध्यम से इस यात्रा का संचालन किया जा रहा है. इस वर्ष अब तक कुल 102 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. यात्रा का पहला जत्था काठगोदाम से रवाना हो चुका है.
केएमवीएन ने यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उचित व्यवस्था सुनिश्चित की है. इसमें रहने, खाने और यात्रा के दौरान किसी भी परेशानी से बचने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. यह माना जाता है कि आदि कैलाश भगवान शिव का निवास स्थान है. इसे हिंदू धर्म में पंच कैलाशों में एक के रूप में पूजा जाता है. इसमें धार्मिक दृष्टिकोण से जो आकर्षण है वह शिवभक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है.
यात्री आदि कैलाश यात्रा के दौरान प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ धार्मिक आस्था की अद्भुत अनुभूति करेंगे. यात्रा मार्ग में बर्फीली चोटियां, शिवलिंग के रूप में पर्वत, शानदार झरने और पवित्र झील महादेव के दिव्य दर्शन कराती है. आदि कैलाश को पंच कैलाशों में से एक माना जाता है. धर्मग्रंथों के मुताबिक, यह भगवान शिव और माता पार्वती का निवास स्थान है. यह स्थल धार्मिक आस्था और शांति का संपूर्ण प्रतीक है. यहां की यात्रा शिवभक्तों के लिए एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव देती है.
कुमाऊं मंडल विकास निगम ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए उत्कृष्ट व्यवस्था की है. निगम ने आधुनिक आवास से लेकर शुद्ध भोजन और यात्रियों की स्थानीय यात्रा सुविधाएं सुनिश्चित की हैं, जिससे यात्रा सरल और आनंदमय हो सके. आदि कैलाश यात्रा केवल धार्मिक आस्था के लिए ही नहीं, बल्कि शांति से समय बिताने और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए भी प्रसिद्ध है. हिमालय की चोटियों, झीलों और शांत वातावरण में यह यात्रा आत्मा को प्रसन्नता प्रदान करती है.