जयपुर: मई 2025 का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहेगा.इस महीने वट सावित्री व्रत से लेकर बुद्ध पूर्णिमा और शनि जयंती तक कई बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे.साल 2025 में मई का महीना खास रहने वाला है.हिंदू धर्म में इस माह कई बड़े व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे.पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि मई 2025 का महीना खगोलीय दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण और दिलचस्प रहने वाला है.इस महीने में कुल 6 ग्रह अपनी राशियों में परिवर्तन करने जा रहे हैं, जो ज्योतिष शास्त्र में एक बड़ी घटना मानी जाती है.मई माह में 6 ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे.बुध सूर्य शुक्र गुरु राहु केतु राशि परिवर्तन करेंगे लेकिन बुध दो बार राशि परिवर्तन करेगा.जब ग्रह अपनी राशियों में प्रवेश करते हैं, तो उनका असर हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि करियर, पारिवारिक जीवन, स्वास्थ्य, और वित्तीय मामलों पर पड़ता है.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि मई की शुरुआत वैशाख शुक्ल चतुर्थी से हो रही है और इसका समापन ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी पर होगा.इस बार माह की शुरुआत भी विनायक चतुर्थी के व्रत से हो रही है और समाप्ति भी इसी व्रत के साथ होगी.इस महीने वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, भानु सप्तमी, गंगा सप्तमी, सीता नवमी, मोहिनी एकादशी, परशुराम द्वादशी, नृसिंह जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, अपरा एकादशी, हनुमान जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं.हर व्रत और पर्व का अपना अलग महत्व है.
3 मई को गंगा सप्तमी
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि मां गंगा को समर्पित गंगा सप्तमी का त्योहार 3 मई 2025 को मनाया जाएगा.वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि 3 मई सुबह 7.51 बजे शुरू होगी और 4 मई सुबह 7.18 बजे समाप्त होगी.उदया तिथि की वजह से यह 3 मई को मनाई जाएगी.मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन मा गंगा का पुनर्जन्म हुआ था.
5 मई को सीता नवमी
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सीता नवमी को सीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.इस दिन माता सीता का प्राक्ट्य हुआ था.वैशाख शुक्ल नवमी के दिन सीता जयंती मनाई जाती है.इस बार सीता नवमी 5 मई को मनाई जाएगी.इस दिन विवाहित स्त्रियां पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं.
8 मई को मोहिनी एकादशी
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि मोहिनी एकादशी व्रत वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है.इस साल वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि 7 मई को सुबह 10.19 बजे शुरू होगी और 8 मई को दोपहर 12.29 बजे समाप्त होगी.उदया तिथि के चलते 8 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.समुद्र मंथन के दौरान देवताओं को अमृत दिलाने में मदद के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था, मोहिनी एकादशी व्रत का संबंध इससे ही है.
11 मई को नृसिंह जयंती
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है.इस साल वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि 11 मई को लगेगी.नृसिंह जयंती पर शाम 4.21 बजे से शाम 7.03 बजे तक पूजन का समय है.नृसिंह जयंती के पारण का समय 12 मई को सुबह 5.32 बजे से सूर्योदय से पहले तक है.नृसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार थे और उन्होंने हिरण्यकश्यपु का वध किया था.
12 मई को वैशाख पूर्णिमा व्रत या बुद्ध पूर्णिमा
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैशाख पूर्णिमा का व्रत 12 मई को रखा जाएगा.इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है.मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था.वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 11 मई को रात 8.01 बजे लगेगी और 12 मई को रात 10.25 बजे समाप्त होगी.वैशाख पूर्णिमा नृसिंह जयंती के बाद आती है.वैशाख पूर्णिमा पर चांद निकलने का समय शाम 6.57 बजे है.इस दिन कूर्म जयंती भी मनाई जाती है.इस दिन भगवान विष्णु के द्वितीय अवतार कूर्म का प्राक्ट्य हुआ था.
13 मई को नारद जयंती
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा को नारद जयंती मनाई जाती है.13 मई को नारद जयंती मनाई जाएगी.पुराणों में देवर्षि नारद को भगवान विष्णु का परम भक्त बताया गया है और वह देवताओं को सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराते थे.
16 मई को एकदंत संकष्टी चतुर्थी
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि एकदंत संकष्टी चतुर्थी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी.संकष्टी चतुर्थी तिथि 16 मई को सुबह 4.02 बजे शुरू होगी और 17 मई को सुबह 5.13 बजे समाप्त होगी.ऐसे में संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 मई को रखा जाएगा.
23 मई को अपरा एकादशी
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को रखा जाता है.अपरा एकादशी व्रत 23 मई को रखा जाएगा और पारण द्वादशी तिथि यानी 24 मई को सुबह 5.26 बजे से सुबह 8.11 बजे के बीच होगा.
24 मई को शनि प्रदोष व्रत
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा.भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त 24 मई को शाम 7.20 बजे से रात 9.13 बजे तक है.शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है.
26 मई को शनि जयंती
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि जयंती 26 मई को मनाई जाएगी.साथ ही ज्येष्ठ अमावस्या जिसे वट सावित्री अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, उसकी तिथि 26 मई को दोपहर 12.11 बजे शुरू होगी और 27 मई को सुबह 8.31 बजे समाप्त होगी.ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई को मान्य होगी, इस दिन पितरों की आत्मा की शांति से जुड़े उपाय किए जाते हैं.वहीं 27 मई को स्नान-दान के लिए अहम भौमवती अमावस्या मनाई जाएगी.
ग्रहों का गोचर
7 मई 2025 को मेष राशि में बुध का गोचर
14 मई 2025 को मिथुन राशि में गुरु का गोचर
15 मई 2025 को वृषभ राशि में सूर्य का गोचर
18 मई 2025 को कुंभ राशि में राहु का गोचर
18 मई 2025 को सिंह राशि में केतु का गोचर
23 मई 2025 को वृषभ राशि में बुध का गोचर
31 मई 2025 को मेष राशि में शुक्र का गोचर
व्रत-त्योहार
तिथि व्रत-त्योहार
1 मई 2025 विनायकी चतुर्थी व्रत
2 मई 2025 संत सूरदास जयंती, शंकराचार्य जयंती, रामानुजन जयंती, स्कंद षष्ठी
3 मई 2025 गंगा सप्तमी
4 मई 2025 भानु सप्तमी
5 मई 2025 सीता नवमी, बगलामुखी जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
7 मई 2025 रवींद्रनाथ टैगोर जयंती
8 मई 2025 मोहिनी एकादशी व्रत, परशुराम द्वादशी
9 मई 2025 प्रदोष व्रत
11 मई 2025 नृसिंह जयंती, छिन्नमस्ता जयंती
12 मई 2025 वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध जयंती, कूर्म जयंती
13 मई 2025 ज्येष्ठ माह आरंभ, नारद जयंती
15 मई 2025 वृषभ संक्रांति
16 मई 2025 गणेश चतुर्थी व्रत, एकदंत संकष्टी चतुर्थी
20 मई 2025 कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
23 मई 2025 अपरा एकादशी व्रत
24 मई 2025 प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी
25 मई 2025 शिव चतुर्दशी व्रत, मासिक शिवरात्रि
26 मई 2025 वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या
27 मई 2025 स्नान-दान अमावस, शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या
29 मई 2025 रंभा तीज व्रत
30 मई 2025 विनायक चतुर्थी व्रत