गौर-गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती: अखंड सौभाग्य के लिए मां पार्वती स्वरूपा गणगौर की पूजा, 2 दिन सिटी पैलेस स्थित जनाना ड्योढ़ी से निकलेगी शाही सवारी 

गौर-गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती: अखंड सौभाग्य के लिए मां पार्वती स्वरूपा गणगौर की पूजा, 2 दिन सिटी पैलेस स्थित जनाना ड्योढ़ी से निकलेगी शाही सवारी 

जयपुर: जयपुर में गणगौर पूजा का आयोजन धूमधाम से हो रहा है. यह पूजा विशेष रूप से भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित होती है और इसकी महिमा का अहसास हर श्रद्धालु पर होता है. गणगौर पूजा का प्रमुख आकर्षण सवारी और विसर्जन है, जिसे लेकर सिटी पैलेस में तैयारियां जोरों पर हैं. आज शाम शाही लवाजमे के साथ गणगौर माता की सवारी निकाली जाएगी.

इस सवारी का मार्ग सिटी पैलेस स्थित जनाना ड्योढ़ी से शुरू होगा और त्रिपोलिया गेट से होते हुए गणगौरी बाजार तक पहुंचेगा. इसके साथ ही कल बूढ़ी गणगौर माता की शाही सवारी भी निकाली जाएगी. इन विशेष सवारियों का दीदार करने के लिए देशी-विदेशी सैलानियों की भीड़ उमड़ेगी, और छोटी चौपड़ पर 40 महिला कलाकार घूमर नृत्य की प्रस्तुति देंगी.

आज 16 दिवसीय गणगौर पूजा का समापन होगा. जब महिलाएं आखिरी दिन व्रत रखकर मंगल गीत गाती हैं और पवित्र जल में गणगौर मूर्तियों का विसर्जन करती हैं. इस पूजा के दौरान महिलाएं अपनी मनवांछित कामनाओं की प्राप्ति के लिए शिव और पार्वती की मिट्टी की मूर्तियों की पूजा करती हैं. खासकर अविवाहित कन्याएं मनवांछित वर की प्राप्ति हेतु इस व्रत को करती हैं. गणगौर पूजा के इस अवसर पर शहर में उल्लास और श्रद्धा का माहौल है, और लोग इस परंपरा को बड़े श्रद्धा भाव से निभा रहे हैं.

गौर-गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती:
अखंड सौभाग्य के लिए मां पार्वती स्वरूपा गणगौर की पूजा 
दो दिन सिटी पैलेस स्थित जनाना ड्योढ़ी से निकलेगी सवारी 
सुहागिन महिलाएं आखिरी दिन व्रत रखकर...मंगल गीत गाकर 
16 दिवसीय गणगौर की पूजा करके पवित्र जल में करेंगी विसर्जन 
आज शाम शाही लवाजमे के साथ गणगौर माता की सवारी 
वहीं कल बूढ़ी गणगौर माता की निकाली जाएगी शाही सवारी 
सवारी के दीदार के लिए देशी-विदेशी सैलानियों की उमड़ेगी भीड़ 
त्रिपोलिया गेट से लेकर गणगौरी बाजार तक रहेगी चहल-कदमी 
छोटी चौपड़ पर 40 महिला कलाकार घूमर नृत्य की देंगी प्रस्तुति 
दरअसल भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है गणगौर पूजा 
शिव और मां पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर की जाती है पूजा 
मनवांछित वर की प्राप्ति हेतु अविवाहित कन्याएं भी रखती हैं व्रत