सरकार ने किराया बढ़ाने के रोडवेज प्रबंधन के प्रस्ताव को भेजा वापस, नहीं बढ़ेगा किराया, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राजस्थान रोडवेज का किराया फिलहाल नहीं बढ़ेगा, सरकार ने किराया बढ़ाने के रोडवेज प्रबंधन के प्रस्ताव को वापस भेज दिया है. बीते 10 साल से रोडवेज की बसों में किराया नहीं बढ़ा है. राजस्थान राज्य परिवहन निगम ने सरकार को हाल ही में बस किराया बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव भेजा है.  जिसमें निगम ने एक बार फिर संसाधनों को बेहतर बनाने के लिए बस किराया बढ़ाने की मंजूरी मांगी थी. रोडवेज के अधिकारियों का तर्क था कि 10 साल से किराया नहीं बढ़ने के कारण रोडवेज का घाटा बढ़ता जा रहा है क्योकि डीजल के दामों में इस अवधि के काफ़ी बढ़ोत्तरी हो चुकी है. 

लेकिन राज्य सरकार ने फिलहाल जनता पर किराए का बोझ नहीं डालने की मंशा के साथ इस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है. सरकार का मानना है कि ऐसे समय में जब बजट के ज़रिए प्रदेश की जनता को राहत देने की तैयारी हो रही है ऐसे समय में किराया बढ़ाने से ग़लत मैसेज जाएगा. हालांकि इस बात की संभावना बनी हुई है कि आने वाले दिनों में सरकार रोडवेज बसों में किराया बढ़ाने को मंजूरी दे सकती है क्योंकि 10 साल से किराया नहीं बढ़ा है जो कि लंबी अवधी है.

निजी बस संचालकों में नाराजी:
आरएसआरटीसी प्रशासन ने चार श्रेणियों में किराया दरें बढ़ाने की मंजूरी मांगी थी जिसमें साधारण बसों से लेकर सुपर लग्जरी बसों तक 30 पैसे से 65 पैसे तक किराया बढ़ोतरी शामिल है.इस प्रस्ताव को लेकर अधिकारियों का कहना है कि रोडवेज प्रबंधन तुरंत किराया वसूलने की जगह उन श्रेणियों में लागू करेगा, जहां कीमत बढ़ाने की जरूरत होगी. वसूला जाने वाला अधिकतम किराया सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित किया जाता है. उदाहरण के तौर पर एक्सप्रेस बसों की अधिकतम सीमा 90 पैसे है. अब इसे बढ़ाकर 125 पैसे प्रति किमी करने का प्रस्ताव भेजा गया है. मंजूरी मिलने पर किराए को दो से तीन गुना तक बढ़ाया जा सकता है,,राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने 2016 के बाद से बस किराए में वृद्धि नहीं की है. पिछले कुछ वर्षों में डीजल की कीमत डेढ़ गुना बढ़ गई है. सातवें वेतन आयोग के लागू होने से कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ा है. जिससे निगम के खर्चों में वृद्धि हुई है, लेकिन राजस्व में कमी आई है. इसे संतुलित करने के लिए किराया बढ़ाने की जरूरत है,,राज्य पथ परिवहन निगम पिछले कुछ वर्षों से घाटे का सामना कर रही है. पिछले महीने आरएसआरटीसी ने टिकट बिक्री की निगरानी के साथ-साथ बसों की ईंधन दक्षता बढ़ाने के लिए लाइव वाहन ट्रैकिंग प्रणाली शुरू की. नियमित मॉनिटरिंग से आरएसआरटीसी की कमाई में रोजाना 1 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई और वर्तमान में निगम की औसत दैनिक कमाई बढ़कर 5.5 करोड़ रुपए हो गई है. अगर सरकार रोडवेज की बसों में किराया बढ़ाने को मंजूरी देती तो निजी बसों में भी किराया बढ़ जाता जिसका इंतजार निजी बस संचालक लंबे समय से कर रहे हैं. सरकार की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने से निजी बस संचालकों में नाराजी है.