जहरीली शराब से आधा दर्जन लोगों की मौत ! खबर के बाद प्रशासन हुआ सक्रिय, देखिए खास रिपोर्ट

अलवर {अश्विनी यादव}: अलवर के सदर थाना क्षेत्र के सिलीसेढ़ के पास तीन गांवों में छ लोगों की मौत का मामला सामने आया है. कहा जा रहा है कि मौतें शराब के कारण हुई हैं , मृतकों के परजिन साफ तौर पर शराब पीने से ही मौत होने की बात कह रहे हैं वहीं प्रशासन ने कहा है कि शराब की अधिकता से मौते हुई हैं और कुछ लोग दूसरे कारणों से मरे हैं प्रशासन ये मानने को तैयार ही नहीं है कि अवैध रूप से शराब की बिक्री हो रही है और शराब पीने से इतने लोग मरे हैं लेकिन ग्रामीण और मृतकों के परिजन साफ साफ कह रहे हैं. 

अलवर के सिलिसेढ़ के पास तीन गांव हैं पैंतपुर, किशनपुर और बख्तपुरा जहां छ लोगों की मौत की पुष्टी हुई है. घरों में लोग शोक मना रहे हैं और मौत को नियती मान लिया है. फर्स्ट इंडिया द्वारा खबर चलाने के बाद प्रशासन जागा और अलग अलग विभागों की गाड़ियां उन गांवों की तरफ दौड़ी, पटवारी तहसीलदार तो क्या जिला स्तरीय अधिकारी और आबकारी के अधिकारी मृतकों के घर पहुँचे और जहां अवैध शराब बिकती है वहां तलाशी ली लेकिन ग्रामीण कह रहे हैं कि जो शराब बेचते हैं वो फरार हो गये है-

मरने वालों नें पैंतपुर गांव निवासी 45 वर्षीय सुरेश हरिजन होटल में काम करता था और 25 को काम पर गया था 26 को शराब पीने के बाद तबियत बिगड़ी और अलवर अस्पताल में मौत हो गई, प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम शव सौंप दिया, 75 वर्षीय ओमी नट हैं, शराब पीता था लेकिन परिजन दमा से मौत होना बताते हैं, किशनपुर के लालाराम धीवर के परिजन कहते हैं कि शराब से मौत हुई है, लालाराम के ही भतीजे रामकिशोर की मौत भी हुई है और परिजन साफ कहते हैं कि शराब के बाद तबीयत बिगड़ी और फिर मौत हो गई, किशनपुरा के भारत चौहान के परिजन कीटनाशक छिड़कने से मौत बताते हैं लेकिन पड़ोसी कहते हैं कि शराब पीता था और इसी कारण से मौत हुई है. बख्तपुरा निवासी बालकिशन का बेटा काला की भी मौत हो गई जिसके परिजनों ने शराब से मौत होना बताया है. गांव में एक मोनी नाम का युवक क्लिनिक चलाता है , फर्स्ट इंडिया ने उससे बात करने की कोशिश की तो कैमरे पर बोलने से साफ इन्कार कर दिया. और कहा कि शराब से तबीयत बिगड़ने के सिम्टम थे और उन्हें अलवर अस्पताल ले जाने के लिए कहा था. 

प्रशासन ने पूरे मामले को शराब से होने वाली मौतों वाला न बताकर अन्य कारणों से होने वाली मौतें बताया है लेकिन ग्रामीण और परिजनों के साथ परिस्थितियां चीख चीख कर बता रही हैं कि अवैध शराब के कारण दुर्घटना हुई है. और पिछले 26 अप्रैल सै मौतें हो रही हैं, अस्पताल में आकर मरने वालों के शव बिना पोस्टमार्टम के भेज दिया गया, निचले अधिकारियों ने ऊपर के अधिकारियों को कोई सूचना ही नहीं दी. तीन दिन में ही एक जगह पर शराब पीने वालों की ही मौत क्यों हुई, फर्स्ट इंडिया के खबर चलाने के बाद प्रशासन जागा तो सही लेकिन सिर्फ ये बयान जारी करने के लिए कि कोई भी मौत शराब से नहीं हुई है साथ में ज्यादा शराब  पीने से मौत होना स्वीकार कर रहे हैं. ये जरूरी है कि पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच हो. लोगों ने अवैध शराब बिक्री की शिकायतों पर आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई इसका जवाब भी जरूरी है.