पाकिस्तान के मददगार तुर्की का भारत शुरू हुआ बहिष्कार, व्यापारियों ने राष्ट्रहित में व्यापारिक रिश्ते खत्म करने का किया फैसला

पाकिस्तान के मददगार तुर्की का भारत शुरू हुआ बहिष्कार, व्यापारियों ने  राष्ट्रहित में व्यापारिक रिश्ते खत्म करने का किया फैसला

नई दिल्ली: भारत में तुर्की से आने वाले फलों, खासतौर पर सेब का आयात अब विवाद के घेरे में आ गया है. भारतीय फल व्यापारियों ने तुर्की के खिलाफ बहिष्कार की पहल की है, जिसका कारण तुर्की द्वारा भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल होना है.

तुर्की से भारत औसतन 1200-1400 करोड़ रुपये के सेब और अन्य फलों का आयात करता है. यह व्यापार दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहा था, लेकिन हाल ही में यह बदलाव तब आया, जब तुर्की ने खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन किया.

सूत्रों के अनुसार, भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ चलाए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के सैन्य कर्मी पाकिस्तान में सक्रिय थे, और ड्रोन हमलों में उन्होंने भारत विरोधी गतिविधियों में मदद की. इसके अलावा, सैन्य अभियानों के दौरान भारत ने तुर्की के दो ऑपरेटिव को भी ढेर कर दिया. ऐसे संदर्भ में भारतीय व्यापारियों और विभिन्न संगठनों ने तुर्की के उत्पादों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

यह कदम केवल व्यापार तक ही सीमित नहीं है. शैक्षणिक दृष्टिकोण से भी भारत ने कई अहम फैसले लिए हैं. दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने भी तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ किए गए सभी MoU (समझौते) रद्द कर दिए हैं. विशेष रूप से, ये कदम यह संदेश देने के लिए उठाए गए हैं कि भारत अपनी सुरक्षा और सम्मान को सर्वप्रथम रखता है.